Russia Victory Day: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन विक्ट्री डे पर यूक्रेन में जंग का ऐलान कर सकते हैं। रूस के लिए 9 मई का दिन बेहद अहम होने जा रहा है और दुनिया की नजरें पुतिन पर टिकी हुई हैं। अब तक रूस ने यूक्रेन में चल रही कार्रवाई को ‘विशेष सैन्य अभियान’ ही करार दिया है।
रूस हर साल 9 मई को विक्ट्री डे मनाता है और दुनिया के समक्ष अपनी महाविनाशक ताकत का प्रदर्शन करता है। दरअसल, साल 1945 में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान 9 मई को हिटलर की नाजी सेना को सोवियत संघ की लाल सेना ने बुरी तरह से पराजित किया था। तभी से विक्ट्री डे सैन्य परेड का मास्को के लाल चौक पर आयोजन किया जाता है। इस दौरान रूसी नेता लेनिन के मकबरे के सामने खड़े होकर इस परेड का निरीक्षण करते रहे हैं।
रूसी मामलों के विशेषज्ञ जेम्स निक्से ने अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन से कहा, ‘9 मई के दिन को घरेलू जनता को दिखाने, दुश्मन को डराने और उस समय के तानाशाह को खुश करने के लिए डिजाइन किया गया है।’ पश्चिमी देशों के अधिकारियों का लंबे समय से मानना रहा है कि राष्ट्रपति पुतिन विक्ट्री डे के दिन का इस्तेमाल यूक्रेन में एक बड़ी सैन्य सफलता या फिर युद्ध को तेज करने के ऐलान के लिए कर सकते हैं। रूसी राष्ट्रपति संकेतों में भरोसा करते हैं। उन्होंने यूक्रेन में सैन्य हमले को फादरलैंड डे के ठीक बाद शुरू किया था जो रूस के लिए काफी अहम है।
रूसी मामलों के एक अन्य विशेषज्ञ ओलेग इग्नातोव का कहना है कि पुतिन के पास कई विकल्प मौजूद हैं। उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन में जंग का ऐलान सबसे कठिन विकल्प होगा।’ पुतिन के पास एक अन्य विकल्प लामबंदी कानून है जिसे वह लागू कर सकते हैं। इसके तहत रूसी गणराज्य के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई या हमले के सीधे खतरे या रूसी गणराज्य के सशस्त्र संघर्ष की शुरुआत होने की स्थिति में सामान्य या आंशिक सैन्य लामबंदी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पुतिन को न केवल सैनिकों को इकट्ठा करने की अनुमति मिल जाएगी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था युद्धस्तर पर पहुंच जाएगी।
निक्सी ने कहा कि रूसी सेना को अब तक की जंग में 15000 सैनिकों को गंवाना पड़ा है। अगर रूस यूक्रेन में अपने लक्ष्यों को हासिल कर लेता है तो उसे अतिरिक्त सैनिकों की जरूरत होगी। इससे अनिवार्य रूप से सैनिकों की भर्ती की समयसीमा बढ़ जाएगी। हालांकि इससे पुतिन की सरकार के लिए खतरा बढ़ जाएगा। इग्नातोव ने कहा कि यह बहुत ही खतरनाक फैसला होगा। उन्होंने कहा कि पुतिन देश में मार्शल लॉ लागू करके चुनावों को भंग कर सकते हैं और पूरी सत्ता को अपने हाथ में ले सकते हैं। हालांकि 9 मई को पुतिन क्या करेंगे इसका अनुमान लगाना बहुत ही मुश्किल है।