लाहौर HC के न्यायमूर्ति तारिक सलीम शेख ने सुनवाई की अध्यक्षता की और कहा कि प्रांतीय राजधानी में मौजूदा स्थिति ने “दुनिया भर में पाकिस्तान की छवि को धूमिल किया है.”
लाहौर:
पूर्व पीएम इमरान खान के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच लाहौर में हाल ही में हुई झड़प से “दुनिया भर में पाकिस्तान की छवि के धूमिल होने” को देखते हुए एक शीर्ष अदालत ने गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को यहां मीनार-ए-पाकिस्तान में एक रैली आयोजित करने से रोक दिया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के प्रमुख खान ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वह राष्ट्रीय प्रतीक के तौर पर देखे जाने वाले मीनार-ए-पाकिस्तान के समक्ष 19 मार्च को पंजाब प्रांत में उनकी पार्टी के चुनाव अभियान के हिस्से के रूप में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. लाहौर HC के न्यायमूर्ति तारिक सलीम शेख ने सुनवाई की अध्यक्षता की और कहा कि प्रांतीय राजधानी में मौजूदा स्थिति ने “दुनिया भर में पाकिस्तान की छवि को धूमिल किया है.”
कोर्ट ने कहा-रैली के बारे में 15 दिन पहले सूचित किया जाए
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने बताया कि न्यायमूर्ति शेख ने आदेश दिया कि अधिकारियों को कम से कम 15 दिन पहले रैली के बारे में सूचित किया जाना चाहिए ताकि आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की जा सके. उसने कहा कि न्यायमूर्ति शेख ने पीटीआई नेतृत्व को पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक और अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक करने का भी निर्देश दिया ताकि उनकी चिंताओं पर आम सहमति बन सके जिसमें “इमरान खान के गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को लागू करना, सुरक्षा योजना और धारा 144 लागू करना” शामिल है.
पुलिसकर्मियों की हुई थी इमरान के समर्थकों से झड़प
बता दें, लाहौर के पॉश जमां पार्क इलाके में खान (70) रहते हैं. यहां तोशाखाना मामले में मंगलवार को इमरान खान को गिरफ्तार करने पहुंचे पुलिसकर्मियों की उनके समर्थकों के साथ झड़प हुई थी. खान समर्थक पुलिस को अपने नेता को गिरफ्तार करने से रोक रहे थे. इस दौरान झड़प में 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कर्मी बुधवार को खान के आवास से हट गए, जिससे संघर्ष रुक गया. इमरान खान (70) पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले उपहारों को तोशाखाना से कम दाम पर खरीदने और मुनाफे के लिए बेचने के आरोप हैं.इस बीच, एक जिला अदालत के न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि इमरान खान अदालत में आत्मसमर्पण कर देते हैं तो वह इस्लामाबाद पुलिस को भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने से रोक देंगे.