पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर का गठन 1997 में हुआ था। 1,442 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह जिला गाजियाबाद और बुलंदशहर जिलों के हिस्सों को काटकर बना था। यहां तीन तहसील हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के गौतमबुद्ध नगर जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह जादौन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक खुले पत्र में नोएडा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों को दिल्ली का हिस्सा बनाने का आग्रह किया है। इस पत्र में, ‘आप’ नेता ने कहा कि इस कदम से राष्ट्रीय राजधानी की तर्ज पर जिले का विकास सुनिश्चित होगा और लोगों को पानी, बिजली और सार्वजनिक परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाएं मुफ्त या न्यूनतम लागत पर मिलने लगेंगी।
जादौन का यह पत्र सोमवार को हुई मोदी की गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा की यात्रा के साथ मेल खाता है, जहां उन्होंने वर्ल्ड डेयरी सम्मिट-2022 का उद्घाटन किया था।
AAP नेता ने लिखा, “अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों को बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन जैसी बुनियादी नागरिक सुविधाएं मुफ्त या न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध करा रही है, लेकिन नोएडा समेत पूरा गौतमबुद्ध नगर जिला इससे वंचित है।”
नोएडा दिल्ली का हिस्सा बना तो ये होंगे फायदे
उन्होंने कहा कि दिल्ली की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी गरीबों के बच्चे अच्छे माहौल में अच्छी शिक्षा हासिल कर सकते हैं। महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा मिल सकती है, बुजुर्ग मुफ्त में तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह लोगों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म प्रमाण पत्र, संपत्ति पंजीकरण आदि जैसी छोटी नौकरियों के लिए सरकारी दफ्तरों की कतारों में नहीं खड़ा होना पड़ेगा।
जादौन ने आगे कहा कि अगर उनकी मांग पूरी हो जाती है तो जिले के लोगों को स्थानीय निगमों के अपने प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार मिलेगा, जैसा वे दिल्ली में करते हैं।
जमीन का मालिकाना हक मिलना चाहिए
उन्होंने कहा कि यहां के शहरी और ग्रामीण इलाकों के लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलना चाहिए, जबकि तथाकथित अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को भी दिल्ली जैसी जमीन का मालिकाना हक और बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि तीन स्थानीय प्राधिकरणों – नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा किया जाने वाला भ्रष्टाचार जिले की प्रतिष्ठा पर एक धब्बा है। इसलिए, आम आदमी पार्टी की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोएडा सहित पूरे गौतमबुद्ध नगर के दिल्ली में विलय की घोषणा करनी चाहिए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर का गठन 1997 में हुआ था। 1,442 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह जिला गाजियाबाद और बुलंदशहर जिलों के हिस्सों को काटकर बना था। गौतमबुद्धनगर जिले में तीन तहसीलें – सदर (नोएडा), दादरी और जेवर हैं।