AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मदरसों के सर्वे का आदेश देकर मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के स्कूलों का सर्वे भी होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का आदेश दे दिया है। सरकार का कहना है कि मदरसों में बुनियादी सुविधाओं की जानकारी के लिए सर्वेक्षण जरूरी है। उत्तर प्रदेश में 12 बिंदुओं के हिसाब से सर्वे का काम शुरू भी हो चुका है। इस बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी और उत्तराखंड सरकार के इस कदम को गलत बताया है और कहा है कि इसके जरिए मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है।
ओवैसी ने कहा, यह मुस्लिमों के खिलाफ टारगेटेड सर्वे है। प्राइवेट स्कूल, मिशनरी स्कूल, सरकारी स्कूल और आरएसएस के स्कूलों का भी सर्वे होना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि सरकार को मदरसों के कामकाज में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि ये निजी मदरसे हैं और इनको मदरसा बोर्ड से मान्यता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि संविधान के आर्टिकल 30 के मुताबिक अल्पसंख्यक अपने शैक्षणिक संस्थान स्थापित कर सकते हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे किया जाएगा ताकि वहां शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम और बुनियादी सुविधाओं की जानकारी जुटाई जा सके। अब उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी ऐसा ही फैसला लिया है और कहा है कि मदरसों का सर्वे कराया जाएगा। ओवैसी का आरोप है कि भाजपा शासित प्रदेशों में मुसलमानों को परेशान करने के लिए यह सब किया जा रहा है।
वहीं उत्तराखंड में करीब 103 मदरसे हैं। सीएम धामी ने कहा कि बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए मदरसों का सर्वे जरूरी है। वहीं बात करें एक और भाजपा शासित राज्य असम की तो यहां गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त मदरसों को ढहाने की मुहिम चल रही है। असम की बिस्वा सरमा सरकार ने अब तक तीन मदरसों को जमींदोज कर दिया है। वहीं एक मदरसा स्थानीय लोगों ने ढहा दिया। पुलिस का कहना है कि इन मदरसों में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले शिक्षक पढ़ाते थे और आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों को पनाह दी जाती थी ।