पाकिस्तानी संसद में अविश्वास मत हारने के बाद अप्रैल में इमरान खान को सत्ता से बाहर कर दिया गया था। सत्ता से हटाए जाने के पीछे इमरान खान ने विदेशी ताकतों का हाथ होने का आरोप लगाया था।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने एक रैली के दैरान महिला जज के खिलाफ अपनी भड़काऊ टिप्पणी पर गहरा दुख व्यक्त किया है। इमरान खान की ओर से भड़काऊ टिप्पणी करने के कुछ घंटे के भीतर ही रैली में पुलिस, न्यायपालिका और अन्य राज्य संस्थानों को धमकी देने के लिए आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
कोर्ट के भेजे अपने जवाब में इमरान खान ने है, ‘टिप्पणी अनजाने में की गई थी और इसका मतलब उस महिला न्यायाधीश की ओर से ईशारा करना नहीं था जिसका वो बहुत सम्मान करते हैं। उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कभी इरादा नहीं था और अगर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है, इसका मुझे गहरा खेद है। उनके बयान का मतलब न्यायाधीश को धमकाना नहीं था और वो ऐसा करने के बारे में सोच भी नहीं सकते।’
न्यायपालिका के लिए उनके मन में बहुत सम्मान
अरअसल, 20 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने अपने सहयोगी शाहबाज गिल के साथ हुए व्यवहार को लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों, चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी, जिन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। खान ने अदालत को यह भी आश्वासन दिया की न्यायपालिका के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है और उनका मानना है कि न्यायाधीश न्याय दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कार रहे हैं।
हाई कोर्ट की पांच जजों की पीठ कर रही है सुनवाई
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, न्यायपालिका के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है, पाकिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के लिए दृढ़ता से खड़े हैं और महिला न्यायाधीशों के अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व के विचार का समर्थन करते हैं। अवमानना के इस मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पांच सदस्यों वाली पीठ सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि वह उम्मीद कर रहे थे कि इमरान खान अपने जवाब में गलती की बात स्वीकार करेंगे।