छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) का छापा पड़ा है। इस्पात नगरी भिलाई के 5 जगहों पर दिल्ली और रायपुर के सीबीआई अफसरों की टीम दस्तावेज की जांच कर रही है।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) का छापा पड़ा है। भिलाई शहर के 5 जगहों पर दिल्ली और रायपुर के सीबीआई अफसरों की टीम दस्तावेज की जांच कर रही है। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) के रिटायर्ड सीएमडी (अध्यक्ष सह प्रबंधक निदेशक) संतोष शर्मा के घर पर सीबीआई ने रेड मारी है। सुबह 5 बजे भिलाई के सेक्टर-2 एवेन्यू बी, तालपुरी, मैत्रीकुंज, सेक्टर-9 और स्मृति नगर स्थित घर में एक साथ टीम पहुंची है। सीबीआई की जांच 100 करोड़ रुपये के लेन-देन को लेकर होना बताया जा रहा है। डेढ़ दर्जन से ज्यादा अफसर दस्तावेज खंगाल रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई की टीम सुबह सेक्टर-2 एवेन्यू बी क्वार्टर नंबर-11 डी में पहुंची। इस क्वार्टर में बीएसपी के पूर्व डीजीएम संतोष शर्मा अपने परिवार के साथ रहते हैं। संतोष शर्मा ने 2013 में भिलाई इस्पात संयंत्र में उप महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट) के पद पर कार्यरत थे। 2013 में भिलाई इस्पात संयंत्र से रिजाइन करके एचसीएल ज्वाइन किया था। एचसीएल के सीएमडी केडी दीवान के रिटायरमेंट के बाद संतोष शर्मा एचसीएल के CMD बनाए गए। इस पद से वह 2 साल पहले ही रिटायर हुए हैं। वर्तमान में संतोष शर्मा कर्नाटक की एक कंपनी के डीजीएम कंसलटेंट के रूप में सेवा दे रहे हैं।
ठेका कंपनी को 100 करोड़ भुगतान का मामला
रिटायर्ड सीएमडी संतोष शर्मा के घरों में पड़े छापों को लेकर सीबीआई के अफसर भी कुछ बोल नहीं रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक एचसीएल का मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के मलाजखंड में माइंस है। यहां कॉपर के रॉ-मटेरियल से सोना निकालने का प्लांट लगना है। नया प्लांट बनाने एक कंपनी को 200 करोड़ में ठेका दिया गया है। प्लांट बना भी नहीं है और सीएमडी रहते संतोष शर्मा ने ठेका कंपनी को 100 करोड़ का भुगतान कर दिया। सीबीआई इसी मामले की जांच कर रही है। फर्जीवाड़े की वजह से रिटायरमेंट के 2 साल बाद भी एचसीएल प्रबंधन ने संतोष का फाइनल सेटलमेंट नहीं किया है। कंपनी ने उनका 75 लाख रुपये को रोककर रखा है।