6 साल से अधिक सजा वाले अपराधों के लिए फॉरेंसिक जांच अनिवार्य की जाए, अमित शाह का दिल्ली पुलिस को आदेश

शाह ने कहा कि महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्हें अधिक पेशेवर और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के प्रयासों में तेजी लाई जाए।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को छह साल से अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य करने का निर्देश दिया है। अमित शाह ने आज दिल्ली पुलिस मुख्यालय का दौरा कर विभिन्न विषयों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान जल्द ही भारत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में सुरक्षा व्यवस्था पर गहन चर्चा की गई।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में छह साल से अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में दोषसिद्धि दर बढ़ाने और आपराधिक न्याय प्रणाली को फॉरेंसिक विज्ञान लैब से फॉरेंसिक जांच अनिवार्य की जाए। उन्होंने कहा कि गंभीर प्रकृति के चिन्हित अपराधों में पुलिस द्वारा कानूनी जांच के बाद ही चार्जशीट दाखिल की जाए।

सर्विलॉन्स क्राइम को रोकने और जांच में पुलिस का एक प्रमुख घटक

शाह ने कहा कि सर्विलॉन्स क्राइम को रोकने और जांच में पुलिस का एक प्रमुख घटक है, इसलिए दिल्ली में नागरिक प्रशासन और पुलिस द्वारा कैमरे लगाए गए हैं, साथ ही हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, बाजारों, जैसे सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। आरडब्ल्यूए को कंट्रोल रूम के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और पड़ोसी राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में सक्रिय बहुराज्यीय आपराधिक गिरोहों पर नकेल कसने की रणनीति तैयार की गई है।

जी-20 शिखर सम्मेलन में सुरक्षा व्यवस्था पर भी हुई चर्चा

इस बैठक में भारत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में सुरक्षा व्यवस्था पर गहन चर्चा हुई। केंद्रीय गृहमंत्री ने निर्देश दिया कि गृह मंत्रालय की एक टीम को सुरक्षा पहलुओं का अध्ययन करने के लिए कुछ ऐसे देशों का दौरा करना चाहिए जहां जी-20 शिखर सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था।

शाह ने कहा कि महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। गृहमंत्री ने निर्देश दिया कि उन्हें अधिक पेशेवर और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के प्रयासों में तेजी लाई जाए।

उन्होंने कहा कि आम जनता की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी सुविधा भी दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए, इसलिए बुनियादी ढांचे और सिग्नलिंग के लिए एक उचित रणनीति बनानी चाहिए और एक अल्टरनेट एक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके। पारंपरिक ट्रैफिक हॉटस्पॉट की पहचान करना जहां अत्यधिक जाम की स्थिति देखी जाती है।

पुलिस के कामकाज की भी हुई समीक्षा

बैठक में दिल्ली पुलिस द्वारा पुलिस व्यवस्था पर चर्चा करते हुए संवेदनशील पुलिसिंग, अपराधों की वैज्ञानिक और पेशेवर जांच, कानून और न्याय प्रबंधन, साइबर अपराध, प्रशिक्षण, भविष्य की चुनौतियों और पुलिस कर्मियों के कल्याण की गहन समीक्षा की गई।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि शिकायतों के समय पर निस्तारण और ऑनलाइन शिकायतों के संबंध में शिकायतकर्ता को उसकी शिकायत की स्थिति की जानकारी देने की सुविधा विकसित की जाए। शाह ने कहा कि पुलिस कर्मियों के मानवीय कार्यों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

स्कूली बच्चों के साथ समय बिताएं कॉन्स्टेबल

उन्होंने कहा कि पुलिस के प्रति लोगों की धारणा बदलने के लिए पुलिस कॉन्स्टेबल्स को स्कूली बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए। इसके साथ ही स्कूली बच्चों को थानों का भ्रमण कराकर सामुदायिक क्षेत्रों में पुलिस द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को समाज में पुलिस की भूमिका और उनकी सेवाओं के लिए पुलिस से संपर्क करने के तरीके के बारे में भी बताया जाना चाहिए।

केंद्रीय गृहमंत्री ने राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी), विश्व पुलिस फायर गेम्स और अन्य खेल आयोजनों में पदक जीतने वाले पुलिसकर्मियों और पुलिस कर्मियों के बच्चों को बधाई दी।

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