वाराणसी में गुरुवार को एक ऐसा शातिर पुलिस के हत्थे चढ़ा है जिसकी करतूतें सुनकर अधिकारी भी हैरान हैं। रेल मंत्री का निजी सचिव बनकर उसने कई टिकट रेल कंफर्म कराए। ट्रांसफर-पोस्टिंग में लाखों रुपये कमाए।
वाराणसी में गुरुवार को एक ऐसा शातिर पुलिस के हत्थे चढ़ा है जिसकी करतूतें सुनकर अधिकारी भी हैरान हैं। रेल मंत्री का निजी सचिव बनकर उसने कई टिकट रेल कंफर्म कराए। कई कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाई और लाखों रुपये कमाए। यही नहीं, काशी विश्वनाथ मंदिर के कंट्रोल रूम को फोनकर प्रोटोकॉल लगवाकर भी लाभ कमाया। साइबर थाना पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर बिहार के पश्चिमी चंपारण राजपुर के मठिया का रहने वाला रजत कुमार मिश्रा है। वह वाराणसी में खोजवां और अस्सी में रहता था। उसके पास से एक मोबाइल फोन और 950 रुपये बरामद किए गए हैं।
रेल भवन नई दिल्ली से लखनऊ एडीजी साइबर क्राइम को एक अक्तूबर 2021 को सूचना दी गई थी कि एक मोबाइल नंबर से रेलवे के अधिकारियों, महाप्रबंधक, डीआरएम को फोन किया जा रहा है। फोन करने वाला खुद को रेल मंत्री का निजी सचिव आरके मिश्रा बताता है। जबकि इस नाम से कोई व्यक्ति रेल भवन में नहीं है।
लखनऊ से उक्त नंबर का लोकेशन वाराणसी मिला। वहां से इसकी सूचना आईजी वाराणसी के. सत्यनारायण को मिली। आईजी के आदेश पर साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की।
बीच-बीच में मोबाइल नंबर बंद होने के कारण शातिर पुलिस से बचता रहा।
अंतत: गुरुवार को उसे पकड़ लिया गया। बताया कि शातिर ने रेल अधिकारियों को फोनकर ट्रांसफर व पोस्टिंग कराकर लाखों रुपये कमाए हैं। इसके साथ ही वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के कंट्रोल रूम नंबर पर फोन कर लोगों के प्रोटोकॉल लगवाकर लाभ कमाता था। वह पुजारी और आचार्य के रूप में चोला बदलकर बचता रहा था।