मुकदमा लिखाने वाला पिता हुआ पक्षद्रोही, पीड़‍िता भी मुकरी; फिर भी नाबालिग से रेप पर अदालत ने 7 साल की सजा सुनाई

नाबालिग बेटी से रेप के मामले में पिता पक्षद्रोही हो गया। पीड़ि‍ता भी आरोप से मुकर गई। इसके बाद भी अदालत ने आरोपी को सात साल की सजा सुना दी। इसके साथ ही अदालत ने 4500 रुपए का जुर्माना भी लगाया।

नाबालिग बेटी से रेप की रिपोर्ट लिखाने वाला पिता कोर्ट में मुकर गया। खुद पीड़िता ने भी गवाही बदल दी पर कोर्ट ने आरोपित को नाबालिग से बलात्कार के जुर्म में सात साल की कैद की सजा सुना दी। कोर्ट ने 4500 रुपए अर्थदंड भी दिया है।

कोर्ट ने माना कि संबंध बनाते समय पीड़िता नाबालिग थी, इसलिए उसकी सहमति का कोई महत्व नहीं है। पीड़िता जो अब आरोपित की पत्नी है, सजा के बाद डेढ़ साल का बेटा गोद में लेकर फूट-फूट-कर रोती रही।

विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो भावना गुप्ता ने बताया कि 25 जून 2018 को बिठूर थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में पीड़िता के पिता ने कहा कि 15 साल की बेटी सहजौरा गांव बारात में जा रही थी। वहीं से गायब हो गई। उसने चौबेपुर कलां निवासी संजय सोनी उर्फ अमित के खिलाफ बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और पाक्सो का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने संजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसके खिलाफ चार्जशीट भी लगाई थी। कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट दर्ज कराने वाले पिता और दुष्कर्म पीड़िता दोनों ही पक्षद्रोही होकर मुकर गए।

पीड़िता ने गवाही में कहा कि वह अपनी मर्जी से संजय के साथ गई और संबंध भी बनाए थे। मंदिर में शादी भी की। अब उनका एक बेटा भी है, इसलिए पति को छोड़ दिया जाए। पिता भी मुकर गया लेकिन कोर्ट ने माना कि नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं है।

कोर्ट के सजा सुनाते ही जमानत पर चल रहे संजय सोनी उर्फ अमित को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। परिजनों ने बताया कि गिरफ्तारी के डेढ़ साल बाद संजय जमानत पर रिहा होकर आया था। उसके बाद उसने पीड़िता से शादी कर ली और दोनों पति-पत्नी की तरह रह रहे थे।

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