मायावती ने किस ओर साधा निशाना, बोलीं- बसपा में स्वार्थी, विश्वासघाती और बिकाऊ की जरूरत नहीं

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि यूपी में ताजा चर्चित राजनीतिक उठापटक सरकारी भ्रष्टाचार का नमूना है। भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता ने यह भी देख लिया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में किस प्रकार का खेल हुआ।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि यूपी में ताजा चर्चित राजनीतिक उठापटक सरकारी भ्रष्टाचार का नमूना है। भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता ने यह भी देख लिया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में किस प्रकार का खेल हुआ। यह एक धंधा बन गया है। राज्य सरकार को मजबूर होकर इसका खुलासा करना पड़ा, हालांकि बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास लगातार जारी है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे चार दिन में धंस गया

बसपा सुप्रीमो ने रविवार को गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि खर्चीले सरकारी विज्ञापनों, प्रचार आदि से लगातार सांप्रदायिक व धार्मिक विवादों के माध्यम से इन पर पर्दा डाला जा रहा है। प्रदेश की भाजपा सरकार अंतर्कलह व जातिवादी आंतरिक बिगाड़ का शिकार है। जातिवाद, सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार और नेताओं की आपसी घमासान से विकास न जाने कब तक प्रभावित होता रहेगा? इनके विकास के दावे का यह हाल है कि नया बहुचर्चित बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चार दिन में ही धंस गया।

उन्होंने कहा कि बसपा में स्वार्थी, विश्वासघाती और बिकाऊ लोगों की जरूरत नहीं है। हमें मिशनरी सोच वालों पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ाना है। वैसे तो यह समस्या हर पार्टी में पैदा हो गई है, जिससे विभिन्न राज्यों में सत्ता पलट व राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है और धनबल का गंदा खेल जारी है। उन्होंने कहा कि बसपा स्वाभिमान का मूवमेंट ही एक मात्र सच्चा विकल्प है। यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों में इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

उन्होंने कहा कि दैनिक उपयोग की खाने-पीने की जरूरी वस्तुओं पर जिस प्रकार से जीएसटी टैक्स थोप दिया गया है। वह सरकार की गरीब-विरोधी नीति का ही जीता-जागता प्रमाण है। कुछ मुट्ठीभर धन्नासेठों को छोड़ कर देश के अधिकतर लोगों की आमदनी अठन्नी रह गई है, जबकि महंगाई के कारण वे रुपया खर्च करने को मजबूर हैं। भारतीय रुपया का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जिस तेजी के साथ रिकार्ड स्तर पर गिर रहा है। केंद्र सरकार को इस पर गंभीर व चिंतन करना चाहिए।

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