यूपी के 59 शहरों का अगस्त में अपना मास्टर प्लान हो जाएगा। इसके आधार पर ही निर्माण के लिए नई परियोजनाएं मंजूर की जाएंगी। विकास प्राधिकरण इसके आधार पर ही नक्शा पास करेंगे।
यूपी के 59 शहरों का अगस्त में अपना मास्टर प्लान हो जाएगा। इसके आधार पर ही निर्माण के लिए नई परियोजनाएं मंजूर की जाएंगी। विकास प्राधिकरण इसके आधार पर ही नक्शा पास करेंगे। आवास विभाग ने इसके लिए समय-सीमा तय कर दी है।
क्या होगा फायदा
शहरी आबादी तेजी से बढ़ रही है। पुराने शहरों में जमीन कम पड़ रही है। नए क्षेत्रों में अधिकतर खेती की जमीनें हैं। इसके चलते मौजूदा हालात में निर्माण कराने को लेकर बाधा आ रही है। मास्टर प्लान बनने के बाद कम जमीन पर अधिक ऊंची ईमारतें बन सकेंगी। मिश्रित भू-उपयोग यानी नीचे व्यवसायिक और ऊपर आवासीय बनाने की अनुमति होगी। घनी आबादी में मुख्य सड़क वाली जमीनों पर व्यवसायिक करने की अनुमति भी होगी। इसे वर्ष 2031 की आबादी और जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। विकास प्राधिकरणों की देखरेख में इसे तैयार किया जा रहा है।
आपत्ति व सुझावों का निस्तारण 20 से 25 जुलाई
विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिया गया है कि वे लगाई गई प्रदर्शनी के आधार पर आई आपत्तियों और सुझाव के आधार पर इसका निस्तारण 20 से 25 जुलाई के बीच अनिवार्य रूप से करेंगे। विकास प्राधिकरण बोर्ड से अंतिम अनुमोदन 25 से 31 जुलाई के बीच कराया जाएगा। इसके बाद इसे 31 से 10 अगस्त के बीच इसे आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को भेज दिया जाएगा, जिससे शासन स्तर पर इसे अंतिम रूप देते हुए लागू करने की अनुमति दी जा सके।
आवास विभाग चाहता है कि जल्द इसकी अनुमति दे दी जाए, जिससे वे इसके आधार पर नक्शा पास करने और जमीन के भू-उपयोग की अनुमति दे सकें।
ये हैं शहर
लखनऊ, मथुरा, रायबरेली, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बस्ती, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, मऊ, पीलीभीत, अमरोहा, चंदौसी, संभल, आगरा, फिरोजाबाद, कानपुर, शिकोहाबाद, उन्नाव, बदायूं, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, हरदोई, हाथरस, कासगंज, मैनपुरी व शाहजहांपुर शहर हैं। सीतापुर, बांदा फतेहपुर, झांसी ललितपुर, औरैया, मिर्जापुर, प्रयागराज, रामनगर मुगलसराय, वाराणसी, बड़ौत, गाजियाबाद, हापुड़, लोनी, मोदीनगर, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, गोंडा, जौनपुर, मेरठ, मुफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, सुल्तानपुर अलीगढ़, बुलंदशहर, खुर्जा।