जातिगत जनगणना की कांग्रेस भी उठाएगी मांग, ओबीसी कार्ड पर है पूरा ध्यान; पढ़ें क्या कहा

कांग्रेस के चिंतन शिविर में इस बात पर जोर दिया गया कि जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक होने चाहिए। जाहिर सी बात है कि कांग्रेस अब ओबीसी कार्ड खेलने से नहीं चूकेगी।

पांच राज्यों में हार के बाद आगे की रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस ने उदयपुर में तीन दिनों का चिंतन शिविर आयोजित किया था। इसमें देशभर के कांग्रेस के बड़े नेताओं ने  हिस्सा लिया। यहां चर्चा के लिए 6 ग्रुप बनाए गए थे। सभी के प्रस्तावों पर मंथन के बाद कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने उनपर मोहर लगाई है। इस बैठक में यूपीए सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया गया। चिंतन शिविर के बाद जारी बयान में कहा गया है कि मौजूदा मोदी सरकार पिछड़ी जातियों को नजरअंदाज कर रही है। कांग्रेस ने पहली बार जातिगत जनगणना की वकालत की है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस अब ओबीसी कार्ड पर पूरा ध्यान देने वाली है।

कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया, यूपीए सरकार के समय जाति को लेकर जो जनगणना कराई गई थी, मौजूदा सरकार उसे सार्वजनिक करने को तैयार नहीं है। इसके पीछे सीधा उद्देश्य यह है कि वह पिछड़ी जातियों को उनके अधिकारों से वंचित रखना चाहती है। अब कांग्रेस कास्ट सेंसस के डेटा को सार्वजनिक कराने के लिए संघर्ष करेगी और पिछड़ों को उनके अधिकार दिलवाएगी।

गांधी जयंती पर शुरू होगी भारत जोड़ो यात्रा, बापू से है खास कनेक्शन
कांग्रेस ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक ‘भारत जोड़ो’ यात्रा शुरू करने का फैसला किया है। पार्टी की तरफ से कहा गया कि अगस्त के महीने में यह अभियान चलाया जाएगा। इस यात्रा का कनेक्शन महात्मा गांधी से बताया गया है। दरअसल 2022 में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन को 80 साल पूरे हो रहे हैं। महात्मा गांधी ने 1942 में यह आंदोलन चलाया था।

50 साल से कम वालों को मिलेगा मौका
कांग्रेस पार्टी ने रणनीति तय करने के साथ ही पार्टी के अंदर भी बड़े बदलाव करने का ‘संकल्प’ लिया है। इसी के तहत शिविर में प्रस्ताव पास किया गया है कि पार्टी में 50 फीसदी पदों पर 50 साल से कम उम्र के लोग बैठेंगे। इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा की गई कि विधायक, सांसद और एमएलसी की एक रिटायरमेंट एज भी होनी चाहिए। इसके अलावा 50 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों का अनुभव पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। यानी उन्हें मार्गदर्शक मंडल में स्थान दिया जाएगा। पार्टी ने फैसला किया है कि ये सभी प्रस्ताव 2024 के लोकसभा चुनाव से लागू किए जाएंगे। इसके बाद 50 फीसदी टिकट 50 साल से कम उम्र वाले नेताओं को दिए जाएंगे।

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