तेल की बढ़ती कीमतों की सरकार ने ऐसी वजह बताई जैसी बच्चा फेल होने के बाद मां-बाप को बताता है

स्कूल में जब बच्चा फेल हो जाता तो घर जाकर कहता.. मैं ही फेल नहीं हुआ, दस बच्चों का नाम गिनाकर कहता ये भी फेल हो गया, वो भी फेल हो गया। कुछ ऐसा ही आज लोकसभा में देखने को मिला। लगातार बढ़ती कीमतों के चलते चौतरफा हमला झेल रही नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलावर को इस मुद्दे पर लोकसभा में जवाब दिया। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि बाकी देशों के मुकाबले भारत में तेल की कीमतें पांच फीसदी भी नहीं बढ़ी। पुरी ने बाकी देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस में तेल की कीमतें 50 फीसदी तक बढ़ चुकी है। हरदीप सिंह पुरी ने तेल की बढ़ती कीमतों की वजह रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया जो अब छठे हफ्ते में चल रहा है।

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ही केवल ऐसा देश नहीं है जिसपर युद्ध का असर पड़ा है। उन्होंने कहा बाकी देशों के मुकाबले भारत ने 10 में से सिर्फ 1 पर्सेट तेल की कीमतें बढ़ाई है। उन्होंने कहा अमेरिका ने तेल की कीमत 51 फीसदी बढ़ा दी, कनाड़ा ने 52 फीसदी बढ़ा दी, ब्रिटेन और जर्मनी ने 55 पर्सेट बढ़ा दी। इसके अलावा फ्रांस ने 50 फीसदी और स्पेन ने 58 फीसदी तेल की कीमत बढ़ा दी है लेकिन भारत ने सिर्फ 5 फीसदी दाम बढ़ाए हैं।  गैस की कीमतों में बढोतरी को लेकर भी हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि युद्ध के चलते अंतराष्ट्रीय बाजार में नेचुरल गैस की कीमत तेजी से बढ़ी है।

गौरतलब है कि तेल की लगातार बढ़ती कीमतों के चलते सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विपक्षी नेता तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर चौतरफा हमला कर रहे हैं जिसमें उन्हें जनता का भी समर्थन मिल रहा है। मंगलवार को भी तेल की कीमतों में 80 पैसे का इजाफा हुआ।  पिछले 15 दिनों में 13 बार तेल के दाम बढ़ाए जा चुके हैं।  पिछले साढ़े चार महीनों का हिसाब लगाएं तो इस दौरान तेल की कीमत 9.2 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुकी है।

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