भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। दरअसल, हाल की तेजी के बाद ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली का असर बाजार पर दिख रहा है। 25 मार्च और 4 अप्रैल के बीच मैक्रोइकोनॉमिक डाटा (macroeconomic data) में सुधार और क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट के चलते बाजारों में मजबूती दर्ज की गई थी। इस दौरान सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों में 5.5 फीसदी की मजबूती देखने को मिली।
यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के गवर्नर लाइल ब्रेनार्ड (Lael Brainard) की टिप्पणियों में सख्ती के संकेतों से ग्लोबल मार्केट्स में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। सेशन के अंत में सेंसेक्स 0.94 फीसदी गिरकर 59,610 पर, जबकि निफ्टी 0.83 फीसदी कमजोर होकर 17,807 अंक पर बंद हुआ।
रिलायंस सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिसर्च मितुल शाह ने कहा, “मार्केट में फिलहाल कमजोरी बनी हुई है, क्योंकि इनवेस्टर्स रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine) के असर का आकलन कर रहे हैं। वहीं, नजर महंगाई को थामने के लिए फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाएं भी बनी हुई हैं। इसके अलावा, तेल और कमोडिटीज की कीमतों में तेजी के साथ ही शिपिंग और एयर फ्रेट्स से जुड़ी बाधाएं सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स को खतरे में डाल रही हैं। चीन की इकोनॉमी एक बार फिर कोरोनावायरस (coronavirus) संक्रमणों से जूझ रही है। जहां रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine crisis) अभी खत्म नहीं हुआ है, वहीं युद्ध की तबाही और रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंधों के परिणाम अभी सामने आने बाकी हैं।”
बाजारों में लगातार दूसरे दिन गिरावट की ये हैं 4 वजह :
- यूएस फेड की सख्ती
Hawkish US Fed : अमेरिका के सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने कहा कि बैंक अपनी बैलेंस शीट को मई तक तेजी से सीमित करने पर विचार करेगा। इसके बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट बढ़ गई। गवर्नर लाइल ब्रेनार्ड (Lael Brainard) ने कहा, ब्याज दरों में बढ़ोतरी की एक सीरीज के जरिए मॉनेटरी पॉलिसी में सख्ती जारी रहेगी। यूएस फेड की अगली बैठक 3-4 मई को होनी है।
- आरबीआई की पॉलिसी मीटिंग शुरू
RBI policy meeting : RBI की पॉलिसी मीटिंग शुरू हो गई है। इसलिए इनवेस्टर्स रिजर्व बैंक की बाई-मंथली मीटिंग के नतीजों से पहले लंबी पोजिशन लेने से बच रहे हैं। इस बात की खासी उम्मीद है कि आरबीआई प्रमुख नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रख सकता है।
- रूस पर नए प्रतिबंध
Fresh sanction on Russia : अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और जी-7 देश रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें रूस में अमेरिका द्वारा निवेश पर प्रतिबंध और ईयू द्वारा कोयले के आयात पर प्रतिबंध शामिल हैं। यूक्रेन के शहरों में रूसी सेनाओं द्वारा बंधकों के व्यापक नरसंहार की घटनाएं सामने आने के बाद अंतर्राष्ट्रीय माहौल खासा गरमाया हुआ है।
- चीन में लॉकडाउन
China lockdown : चीन में कोविड-19 के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। नए मामलों में बढ़ोतरी के बीच वहां की फाइनेंशियल हब शंघाई में लॉकडाउन लग गया है। ऐसी खबरें हैं कि omicron variant के नए सब-स्ट्रेंस तेजी से फैल रहे हैं। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स एनालिस्ट्स ने कहा, कोविड लॉकडाउन और यूक्रेन युद्ध का मतलब है कि चीन अपने 5.5 फीसदी के ग्रोथ के लक्ष्य से चूक जाएगा।