पाकिस्तान में इस वक्त सियासी घमासान मचा हुआ है. पीएम इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले नेशनल असेंबली को भंग कर सभी को चौंका दिया.
इमरान खान की पार्टी ने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए जस्टिस आर अजमत सईद का नाम तय किया है. जस्टिस अजमत सईद उस पनामा बेंच का हिस्सा थे, जिसने नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित कर दिया था. सईद ने साल 1997 में नवाज शरीफ द्वारा गठित एहत्साब ब्यूरो के विशेष अभियोजक के रूप में भी कार्य किया था.
दरअसल, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने रविवार को अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने के बाद नेशनल असेंबली को भंग कर दिया. इसके बाद इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया. हालांकि, पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत, वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक 15 दिनों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य जारी रख सकते हैं, मगर उन्हें फैसले लेने का अधिकार नहीं है.
इमरान खान ने रविवार को तुरंत बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए नए चुनाव की मांग की और पाकिस्तानियों को चुनावों के लिए तैयार रहने के लिए कहा. उधर विपक्ष ने प्रस्ताव को ‘असंवैधानिक’ के रूप में खारिज करने के सरकार के कृत्य पर हमला किया. पाकिस्तान में अब अगले 90 दिनों के भीतर चुनाव हो सकते हैं. राष्ट्रपति द्वारा संसद भंग किए जाने के बाद पाकिस्तान का सियासी संकट सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. लेकिन पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली अध्यक्ष के फैसले को निलंबित करने से इनकार कर दिया.