कोविड-19 महामारी से बेसहारा हुए बच्चों के लिए महतारी दुलार योजना सहारा बनी है। जिले के साढ़े चार सौ अधिक बच्चों की शिक्षा में अब आर्थिक बाधा नहीं है। ये बच्चे अब स्कूलोें में अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे है। विभिन्न वर्गाें के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से निर्धन छात्र-छात्राओं को आर्थिक मदद दी जाती है ताकि वे बिना किसी परेशानी की अपनी पढ़ाई कर सके। कोविड महामारी के कारण कई घरों में माता या पिता या दोनों की ही मृत्यु हो गई है। परिवार के मुख्य सदस्य की मृत्यु से बच्चों का जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया। जिन बच्चों ने अपने माता पिता को कोविड महामारी के कारण खो दिया, उन बच्चों के लिए राज्य सरकार ने महतारी दुलार योजना की शुरूआत की। योजना अंतर्गत इन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के साथ साथ छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को 500 रूपए प्रतिमाह एवं कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को प्रतिमाह 1000 रूपए छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके अलावा निजी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की फीस राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। यदि बच्चा निजी स्कूल में अध्ययन नहीं करना चाहता तो उसे संचालित स्वामी आत्मांनद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूल में दाखिला हेतु प्राथमिकता दी गई है। प्रदेश में सरकारी शालाओं में भी इन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। योजना के प्रावधान अनुसार स्कूल शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा हेतु उन्हंें प्रोत्साहन दिया जाएगा। होनहार छात्रों को व्यवसायिक पाठयक्रम में प्रवेश लेने हेतु कोचिंग की सुविधा भी दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जिले में कक्षा 1 से 12वीं तक के 477 बच्चों को महतारी दुलार योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें से 53 बच्चें स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडयम स्कूल में पढ़ रहे है। राज्य छात्रवृत्ति के नियमानुसार 10 माह की गणना के आधार पर बच्चों को 53 लाख 20 हजार रूपए की छात्रवृत्ति का भुगतान भी कर दिया गया है। कक्षा 1वीं से 5वीं तक 181 बच्चें योजना से लाभान्वित है। जिनमें 43 बच्चें शासकीय व 138 अशासकीय विद्यालयों में पढ़ रहे है। इसी तरह कक्षा 6वीं से 8वीं तक के 109 बच्चों को महतारी दुलार योजना का सहारा मिला है। जिनमें 26 बच्चें शासकीय व 83 अशासकीय शालाओं में पढ़ रहे है। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 187 बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की जिम्मेदारी योजना की तहत ली गई है। जिनमें से 119 बच्चें अशासकीय एवं 66 बच्चें शासकीय शालाओं में पढ़ रहे है। कक्षा 1 से 5 वीं तक के बच्चों को एक मुश्त 10 माह की छात्रवृत्ति 9 लाख 5 हजार रूपए प्रदान की गई है। इसी तरह कक्षा 6वीं से 8वीं तक के बच्चों को 5 लाख 22 हजार रूपए और 9वीं से 12वीं तक बच्चों को 18 लाख 70 हजार रूपए की छात्रवृत्ति एक मुश्त उनके खाते में प्रदान की गई है।