राउत ने दावा किया, “ अगर शिवसेना नहीं होती तो भगवान राम (अयोध्या स्थित मंदिर में मूर्ति) की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो पाती. शिवसेना के ‘टाइगर्स’ (कार्यकर्ताओं) ने साहस दिखाया और इसी कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कर सके.”
नासिक: शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम के साथ उनकी पार्टी का रिश्ता सबसे पुराना और भावनात्मक रूप से गहरा रहा है. उन्होंने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी नहीं होती तो अयोध्या में स्थित मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा संभव नहीं हो पाती.
राज्यसभा सदस्य ने यहां पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “भगवान राम से हमारा बहुत पुराना नाता है. भगवान राम से शिवसेना का नाता बेहद भावनात्मक है. ये किसी व्यक्ति या किसी पार्टी का नहीं है. अगर भगवान राम से सबसे पुराना नाता किसी का है तो वो शिवसेना का है.’
राउत ने दावा किया, “ अगर शिवसेना नहीं होती तो भगवान राम (अयोध्या स्थित मंदिर में मूर्ति) की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो पाती. शिवसेना के ‘टाइगर्स’ (कार्यकर्ताओं) ने साहस दिखाया और इसी कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कर सके.”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को एक कार्यक्रम में अयोध्या मंदिर में रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. राम जन्मभूमि आंदोलन में योगदान को लेकर शिव सेना (यूबीटी) और भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के बीच तीखी जुबानी जंग पिछले लंबे समय से जारी है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई ने आंदोलन में योगदान को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य और राउत पर हमला किया है. दूसरी ओर, शिवसेना (यूबीटी) बाबरी मस्जिद को गिराने का श्रेय लेती है.