केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद प्याज की कीमतें 25 प्रतिशत तक घटीं

दिल्ली की ओखला मंडी में प्याज की खुदरा कीमत करीब 56 से 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई

नई दिल्ली : 

केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली की मंडियों में प्याज की कीमतें (Onion prices) घटने लगी हैं. बुधवार को दिल्ली की ओखला मंडी में प्याज की खुदरा कीमत करीब 25 प्रतिशत कम होकर 56 से 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गईं. महाराष्ट्र के बाजारों में भी प्याज की कीमतें घटने लगी हैं. हालांकि देश के कई राज्यों जैसे राजस्थान और मध्य प्रदेश में प्याज की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं. आने वाले दिनों में प्याज का नया स्टॉक मंडियों में पहुंचने से कीमतें घटने की उम्मीद है.

पिछले हफ्ते प्याज की कीमतें काफी बढ़ गई थीं, लेकिन बुधवार राहत की खबर लेकर आया है. प्याज विक्रेता शिवम पिछले कई साल से दिल्ली की ओखला मंडी में प्याज के कारोबार से जुड़े हैं. उन्होंने NDTV से कहा, “24 से 25 अक्टूबर के बीच प्याज की कीमत अचानक बढ़ने लगी थीं और दो दिन पहले 80 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गई थीं. लेकिन आज अच्छी प्याज का रेट घटकर 60 रुपये किलो तक पहुंच गया है. अगले कुछ दिनों में प्याज का रेट 50 रुपये किलो तक हो जाएगा. पीछे से सप्लाई घट गई थी इसलिए कीमत पिछले हफ्ते बढ़ी थी.”

प्याज के दाम घटने से उपभोक्ताओं को राहत

प्याज सस्ता होने से ग्राहक भी राहत महसूस कर रहे हैं. लाजपत नगर निवासी विजय कहते हैं, “पहले में 3 से 5 किलो प्याज खरीदता था. अब एक किलो खरीद रहा हूं. आज प्याज 60 रुपये किलो के रेट से बिक रहा है, लेकिन फिर भी महंगा है.”

पिछले हफ्ते जब प्याज की कीमत 80 रुपये किलो तक पहुंच गई तो इसका मंडियों में प्याज के कारोबार पर बुरा असर पड़ा. प्याज की बिक्री घट गई. प्याज कारोबारियों को उम्मीद है कि नया स्टॉक बाजार पहुंचेगा तो कीमतें आने वाले दिनों में और कम होंगी.

महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज की कीमतें कम होने लगीं

उधर खाद्य मंत्रालय के मुताबिक महाराष्ट्र की मंडियों में भी प्याज की कीमतें कम होने लगी हैं. हालांकि राजस्थान की मंडियों में प्याज की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं. जयपुर के मुहाना इलाके में प्याज का खुदरा रेट 80 रुपये किलो तक बना हुआ है. मध्य प्रदेश के बड़वानी में भी प्याज का भाव 70 रुपये किलो तक बना हुआ है, जबकि विदिशा में भी 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक प्याज बिक रही है.

विदिशा इलाके के छोटे व्यापारियों ने थोक विक्रेताओं पर प्याज की ब्लैक मार्केटिंग करने का आरोप लगाया है. थोक विक्रेता किसानों द्वारा प्याज देरी से बाजार में लाने को कीमतों में उछाल की बड़ी वजह बता रहे हैं.

 

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