व़ीजा की फीस में हुई इस बढ़ोतरी से यूके को 1 बिलियन ग्रेट ब्रिटिश पाउंड की कमाई होगी. इसका इस्तेमाल पब्लिक सेक्टर के स्टाफ की सैलरी बढ़ाने के लिए किया जाएगा. इसलिए दुनिया के छात्रों, कामगारों और सैलानियों की जेब पर बोझ डाला गया है.
नई दिल्ली:
पढ़ाई, ट्रिप, बिजनेस या नौकरी के लिए ब्रिटेन जाने का सपना देख रहे लोगों के लिए बुरी खबर है. अब ब्रिटेन जाना और महंगा हो जाएगा. ब्रिटेन सरकार ने 4 अक्टूबर से सभी विदेशियों और छात्रों के लिए वीजा फीस में इजाफा करने का फैसला लिया है. यानी यूके जाने के लिए अब जेब थोड़ी और ढीली करनी पड़ेगी. अब छह महीने से कम अवधि वाले दौरे के वीज़ा के लिए 15 पाउंड और स्टूडेंट वीज़ा के लिए 127 पाउंड (13 हजार रुपये से ज्यादा) अधिक खर्च करने होंगे. जहां विज़िट वीज़ा की फीस 15% तक बढ़ायी गई है. वहीं वर्क वीज़ा, स्टडी वीज़ा और स्पॉन्सरशिप के सर्टिफिकेट की फीस 20% बढ़ाई गई है.
यूके होम ऑफिस के मुताबिक, 6 महीने अवधि का विजिट वीज़ा अब 15 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड महंगा हो गया है. भारतीय रुपये के हिसाब से देखें, तो ये करीब 1500 रुपये बढ़ गया है. ये वीज़ा अब करीब 11 हज़ार 800 रुपये में मिलेगा. स्टूडेंट वीज़ा फीस में 115 GBP यानी करीब 13 हज़ार रुपये की बढ़ोतरी की गई है. अब यूके के बाहर के छात्रों को अब वीज़ा फीस के तौर पर 490 GBP यानी करीब 50,000 रुपये देने होंगे.
यूके सरकार की वेबसाइट के मुताबिक, विज़िट वीज़ा के हर कैटेगरी की फ़ीस बढ़ाई गई है. 2 साल वाले व़ीजा की फीस 40 हजार रुपये, 5 साल वाले वीज़ा की फीस 80 हजार रुपये और 10 साल वाले व़ीजा की फ़ीस 1 लाख रुपये हो गई है.
इसके अलावा हेल्थ केयर वीज़ा और ब्रिटेन के नागरिक के तौर पर रजिस्टर करने के लिए आवेदन की फीस भी बढ़ाई गई है.
सुनक ने उस वक्त कहा था, ‘‘हम इस देश में आने वाले प्रवासियों के वीजा के लिए आवेदन करने पर लगने वाले शुल्क को बढ़ाने जा रहे हैं. इसे आव्रजन स्वास्थ्य अधिभार (IHS) कहा जाता है, जो एक प्रकार का लेवी (शुल्क) है. जिसका वे एनएचएस तक पहुंचने के लिए भुगतान करते हैं.”
ब्रिटेन के गृह विभाग ने इस हफ्ते अधिकांश कार्य एवं यात्रा वीजा की लागत में 15 प्रतिशत की वृद्धि और प्राथमिकता वाले वीज़ा, अध्ययन वीज़ा और प्रायोजन के प्रमाण पत्र की लागत में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत दिया था. शुल्क में बढ़ोतरी स्वास्थ्य और देखभाल वीजा सहित अधिकांश वीज़ा श्रेणियों पर लागू की गई है.
व़ीजा की फ़ीस में हुई इस बढ़ोतरी से यूके को 1 बिलियन ग्रेट ब्रिटिश पाउंड की कमाई होगी. इसका इस्तेमाल पब्लिक सेक्टर के स्टाफ की सैलरी बढ़ाने के लिए किया जाएगा. इसलिए दुनिया के छात्रों, कामगारों और सैलानियों की जेब पर बोझ डाला गया है.