राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण के प्रांतों में हिंदू आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा किए गए सेवा कार्य मिशनरियों से कहीं अधिक हैं.
जयपुर:
राष्ट्रीय सेवा भारती का सेवा संगम आज से जयपुर में हो गया, जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन राव भागवत ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सेवा मनुष्य के मनुष्यत्व की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है. दक्षिण के प्रांतों में हिंदू आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा किए गए सेवा कार्य मिशनरियों से कहीं अधिक हैं. संगम में देश भर से 800 से अधिक स्वैच्छिक सेवा संगठनों के करीब 3,000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. वंचित, पीड़ित, उपेक्षित और अभावग्रस्त बंधुओं के उत्थान में जुटे सेवा भारती का यह तीसरा महासंगम है.
मोहन भागवत ने कहा,”सेवा कहने के बाद सामान्यतः देश के प्रबुद्धजन मिशनरियों का नाम लेते हैं. दुनिया भर में मिशनरी अनेक स्कूल, अस्पताल चलाते हैं, यह सभी को पता है. लेकिन दक्षिण के प्रांतों में केवल आध्यात्मिक क्षेत्र के हमारे आचार्य मुनि, संन्यासी सब मिलाकर जो सेवा करते हैं, वो मिशनरियों की सेवा से कई गुणा ज्यादा है. मैं स्पर्धा की बात नहीं कर रहा. उनसे ज्यादा, उनसे कम, यह मेरा पैमाना नहीं है. सेवा का यह पैमाना हो ही नहीं सकता.” उन्होंने कहा कि सेवा स्वस्थ समाज को बनाती है, लेकिन स्वस्थ समाज को बनाने के लिए पहले वह पहले हमको स्वस्थ करती है.
जयपुर के केशव विद्यापीठ में आयोजित तीन दिवसीय सेवा संगम
जामडोली के केशव विद्यापीठ में आयोजित तीन दिवसीय सेवा संगम के पहले दिन शुक्रवार को सरसंघचालक भागवत का संबोधन हुआ. इसके बाद पीरामल समूह के चेयरमैन अजय पीरामल मुख्य अतिथि होंगे व संत बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज आशीर्वचन देंगे. इससे पहले सेवा भारती के सेवा कार्यों से जुड़ी प्रदर्शनी का उद्घाटन बृहस्पतिवार को विश्व जाग्रति मिशन के संस्थापक आचार्य सुधांशु जी महाराज ने किया. सेवा संगम में देश भर से आए और शिक्षा, स्वास्थ्य और भारत को स्वावलंबी बनाने के लिए कार्य कर रहे विभिन्न संगठनों ने अपने सेवा कार्यों को स्टॉलों पर प्रदर्शित किया.
सेवा संगम का उद्देश्य
बीस साल से वंचित, पीड़ित, उपेक्षित और अभावग्रस्त बंधुओं के उत्थान में जुटे सेवा भारती का यह तीसरा महासंगम है. सेवा संगम में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक विषयों पर विचार विमर्श होगा. सेवा संगम का मुख्य और निहित उद्देश्य सेवा भारती से जुड़े स्वैच्छिक संगठनों के सामूहिक प्रयासों के बीच तालमेल स्थापित करके एक सामंजस्यपूर्ण, सक्षम और आत्मनिर्भर समाज और समृद्ध भारत का निर्माण करना है. साथ ही स्वयंसेवकों, महिलाओं का उत्साहवर्धन करना और भारत को सुपोषित बनाना भी एक उद्देश्य है.
ये भी हो सकते हैं शामिल
सेवा भारती का पहला सेवा संगम 2010 में बंगलूरू व दूसरा सेवा संगम 2015 में नई दिल्ली में हुआ था. तीसरे सेवा संगम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, उद्यमी नरसीराम कुलारिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश भैया जी जोशी, सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर, स्वामी माधवानन्द विश्व शान्ति परिषद् के संस्थापक विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानन्द, विश्व जाग्रति मिशन के संस्थापक आचार्य सुधांशु जी महाराज, राजसमंद से संसद सदस्य दिया कुमारी और उद्यमी अशोक बागला के उपस्थित रहने की संभावना है.