India vs Australia 1st Test, Day 2: रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) दिखा रहे हैं कि वह तीनों फौरमेटों में भारत के लिए कितने ज्यादा बहुमूल्य हो चले हैं.
नई दिल्ली:
चोट से उबरने के करीब पांच महीने बाद नागपुर में कंगारुओं के खिलाफ टेस्ट टीम का हिस्सा बने ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) ने बल्ले और गेंद दोनों से दिखाया कि वह टीम इंडिया की कितनी अहम कड़ी हैं. बात चाहे फिर व्हाइट-बॉल फौरमेट की हो, या टेस्ट क्रिकेट की, रवींद्र जडेजा वर्तमान समय में दुनिया के ऑलराउंड नक्शे पर मानो अतुलनीय हो चले हैं. ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग के दौरान पहली पारी में जहां उन्होंने पंजा जड़ा, तो अब वह ऐसा कारनामा दूसरी बार करने की कगार पर खड़े हैं, जो कपिल देव जैसा दिग्गज अपने पूरे टेस्ट करियर में सौ से ज्यादा टेस्ट खेलने के बावजूद नहीं कर सका. और जिस तरह जडेजा ने दूसरे दिन शुक्रवार को अक्षर पटेल (Axar patel) के साथ मिलकर बल्लेबाजी की है, उससे लगता है कि जडेजा वह बड़ी उपलब्धि हासिल कर ही लेंगे, जिसका इंतजार उनके करोड़ों फैंस बेसब्री से कर रहे हैं.
यह साल 2022 ही था, जब मोहाली में जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ मार्च में नाबाद 175* बनाकर अपना कद ऊंचा किया था, तो उन्होंने 41 रन देकर पांच विकेट भी चटकाए थे. किसी टेस्ट में शतक बनने चुनिंदा भारतीय ऑलराउंडरों में शामिल हो गए थे. कुल मिलाकर भारतीय क्रिकेट इतिहास में अभी चार ही ऑलराउंडर इस कारनामे को अंजाम दे सके हैं.
जडेजा से पहले इन भारतीयों के नाम है यह रिकॉर्ड
अगर भारतीय ऑलराउंडरों की बात करें, तो रवींद्र जडेजा से पहले इस काम को वीनू मांकड (1952), पॉली उमरीगर (1962) और आर. अश्विन और खुद रवींद्र जडेजा ने पिछले साल इसे किया है, लेकिन रविचंद्नन अश्विन इनमें भी वेरी-वेरी स्पेशल बन गए हैं.
अश्विन बन गए खासों मे खास
अगर बात करें किसी टेस्ट में शतक जड़ने और पांच विकेट लेने वाले भारतीयों की, तो सिर्फ चुनिंदा ही नाम हैं. कुल मिलाकर चार नाम, लेकिन आर. अश्विन ने इस कारनामे को तीन बार (विंडीज के खिलाफ 2011, विंडीज के खिलाफ 2016 और इंग्लैंड के खिलाफ 2021) में अंजाम दिया और यह बात साबित कर देती है कि अश्विन किसी ऑलराउंडर से कम नहीं हैं. अब देखते हैं कि जडेजा नागपुर में दूसरी बार कारनामे को अंजाम देते हैं या नही.