गुरुग्राम : तीन हजार रुपये के लिए दलित युवक की बेरहमी से पिटाई, मौत

इंदर के पिता दीपचंद द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, सागर सोमवार को उनके घर आया और 16,000 रुपये ले गया और इंदर को शेष राशि जल्द से जल्द वापस करने की चेतावनी दी.

नई दिल्ली: 

गुरुग्राम के बिलासपुर इलाके में एक दलित युवक के साथ कथित तौर पर मारपीट का मामला सामने आया है. पुलिस के अनुसार 33 वर्षीय युवक के साथ कथित तौर पर हुई मारपीट तीन हजार रुपये के लिए की गई है. इस घटना में पीड़ित युवक की बाद में मौत हो गई. पुलिस ने मृतक युवक की पहचान इंदर कुमार के रूप में की है.पुलिस ने गुरुवार को इस घटना की जानकारी दी.

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने मंगलवार रात पीड़ित को लाठियों से पीटा और उसे घर के बाहर छोड़ दिया. इलाज के दौरान बुधवार रात उसकी मौत हो गई.पुलिस ने बताया कि पीड़ित इंदर कुमार घोषगढ़ स्थित अपने घर से किराना दुकान चलाता था.लगभग चार दिन पहले, इसी गांव के निवासी सागर यादव ने उसे बिजली बिल का भुगतान करने के लिए 19,000 रुपये दिए थे. इंदर ने 19,000 रुपये में से 3,000 रुपये खर्च किए और बिल का भुगतान नहीं किया.

इंदर के पिता दीपचंद द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, सागर सोमवार को उनके घर आया और 16,000 रुपये ले गया और इंदर को शेष राशि जल्द से जल्द वापस करने की चेतावनी दी.

पुलिस के मुताबिक, दीपचंद ने अपनी शिकायत में कहा कि मंगलवार शाम को सागर ने मेरे बेटे को गांव के मंदिर के पास बुलाया. शाम करीब साढ़े सात बजे सागर ने मुझे फोन किया और कहा कि इंदर ने रुपये कल तक वापस करने का वादा किया है, और अगर वह तब तक नहीं देता है, तो मुझे रुपये वापस देने होंगे.

दीपचंद ने कहा कि मैं मान गया, लेकिन एक घंटे बाद सागर और उसके साथ तीन अन्य साथियों ने मेरे बेटे को घायल अवस्था में घर के बाहर छोड़ दिया. मेरे बेटे ने मुझे बताया कि गांव के सागर, आजाद, मुकेश और हितेश ने उसे डंडों से पीटा. हम उसे इलाज के लिए पटौदी के एक अस्पताल में ले गए, जहां से उसे गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां बुधवार देर रात उसकी मौत हो गई.शिकायत के बाद गुरुवार सुबह चारों आरोपियों के खिलाफ बिलासपुर थाने में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. इस घटना को लेकर बिलासपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक राहुल देव ने कहा कि आरोपी फरार हैं, लेकिन हमारी टीम उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है.

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