अनुमान लगाया जा रहा था कि अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने की खबरों के बीच कमलनाथ किसी खास मकसद से सोनिया से मिले होंगे। लेकिन कमलनाथ ने इस बात से स्पष्ट तौर पर इंकार किया है।
राजस्थान में सियासी संकट के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली पहुंचे। यहां पर उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की। अनुमान लगाया जा रहा था कि अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने की खबरों के बीच कमलनाथ किसी खास मकसद से सोनिया से मिले होंगे। लेकिन मुलाकात के बाद कमलनाथ ने अपने बयान से सभी अनुमानों को धता बता दिया। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें कांग्रेस के अध्यक्ष पद में कोई रुचि नहीं है। साथ ही कमलनाथ ने यह भी कहा कि वह वह यहां पर सोनिया गांधी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देने आए थे।
झाड़ लिया पल्ला
गौरतलब है कि राजस्थान में जिस तरह के हालात बने हैं, माना जा रहा है कि उसके पीछे अशोक गहलोत की भी भूमिका है। ऐसे में खबरें आई थीं कि कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद की रेस से हटा दिया है। ऐसे में कुछ नए नामों की लिस्ट सामने आई थी, जिसमें केसी वेणुगोपाल समेत कई नामों के साथ कमलनाथ का नाम भी शामिल था। इन खबरों के बीच जब कमलनाथ आज शाम सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे तो इन अनुमानों को हवा मिली। माना गया कि कमलनाथ सोनिया से राजस्थान के संकट के बाबत बात करने गए हैं। साथ ही अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी को लेकर भी उनकी चर्चा होगी। लेकिन सोनिया से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने इससे पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया।
गहलोत से नहीं करनी है बात
कमलनाथ ने कहा है कि उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद में कोई रुचि नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं, मीडिया की खबरों में यह भी बताया जा रहा है कमलनाथ ने गहलोत से बात तक करने से मना कर दिया है। राजस्थान के मु्ख्यमंत्री अशोक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष पद की रेस में शामिल होने के बाद उनके रिप्लेसमेंट को लेकर कल मीटिंग होनी थी। इसके लिए दिल्ली से अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे विधायकों से मिलने राजस्थान पहुंचे थे। लेकिन वहां पर विधायकों का एक बड़ा गुट मंत्री शांतिलाल धारीवाल के घर जुटा रहा। रात होते-होते विधायकों ने बागी तेवर अपना लिया। आज सुबह से ही इसके डैमेज कंट्रोल में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लगा हुआ है।