आवारा कुत्तों से बचाने के लिए शख्स ने बंदूक लेकर छात्रों को मदरसा तक छोड़ा, केस दर्ज

केरल में आवारा कुत्तों से अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए एयर गन लेकर मदरसा छोड़ने वाले शख्स के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। केरल में आवारा कुत्तों का आतंक काफी बढ़ गया है।

केरल के कासरगोड जिले में अपने बच्चों को मदरसा ले जाते समय आवारा कुत्तों से उन्हें बचाने के लिए बंदूक रखने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए आरोपी समीर के खिलाफ मामला दर्ज किया।

वीडियो में समीर बच्चों के एक समूह को नजदीकी मदरसा ले जाते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो में समीर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यदि किसी आवारा कुत्ते ने उन पर हमला किया तो वह उसे बंदूक से मार देगा। बेकल पुलिस ने बताया कि समीर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

शख्स ने बताया मजबूरी

समीर ने शुक्रवार को मीडिया से कहा था कि एक पिता के रूप में अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है। समीर ने कहा कि उसे अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए बंदूक ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उसने कहा कि आवारा कुत्तों के आंतक के कारण उसके और पड़ोसियों के बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया था। पिछले कुछ समय से क्षेत्र में आवारा कुत्तों का मुद्दा गरमाया हुआ है।

राज्य में आवारा कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है और लोगों में इनके प्रति इतना गुस्सा है कि हाल ही में प्रदेश के कोट्टायम जिले में बच्चों सहित तमाम लोगों को काटने वाले एक कुत्ते को स्थानीय लोगों ने पीट-पीट कर मार दिया और जमकर हंगामा किया।  देश के इस दक्षिणी राज्य में यह केवल अकेली घटना नहीं है, प्रदेश में कुछ स्थानों पर दर्जनों ऐसे आवारा कुत्ते मृत मिले हैं जिन्हें कथित रूप से जहर देकर मारा गया है।

एक दर्जन से अधिक आवारा कुत्तों की मौत

कुत्ते को मारने की यह एकमात्र घटना नहीं है, क्योंकि राज्य के कुछ इलाकों में कथित तौर पर जहर के कारण एक दर्जन से अधिक आवारा कुत्ते मृत पाए गए थे। ये कार्य अमानवीय प्रतीत होते हैं, जबकि कुछ का मानना ​​है कि राज्य में मौजूदा स्थिति में जिस तरह से कुत्तों के हमलों में वृद्धि देखी जा रही है, लोगों को मामलों को अपने हाथों में लेने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

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