बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) में बुधवार की शाम एक 19 वर्षीय बालिका की मौत हो गई है। छोटी कोनी से सिम्स पहुंची रानू सोनवानी की तबीयत बिगड़ती गई और डॉक्टरों ने ध्यान भी नहीं दिया।
बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) में बुधवार की शाम एक 19 वर्षीय बालिका की मौत हो गई है। छोटी कोनी से सिम्स पहुंची रानू सोनवानी की तबीयत बिगड़ती गई और डॉक्टरों ने ध्यान भी नहीं दिया। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया। परिजनों का आरोप है कि युवती गंभीर हालत में तड़पती रही, फिर भी डॉक्टरों ने उसे भर्ती नहीं किया। पहले कोरोना जांच के बहाने दो घंटे तक रोके रखा और फिर बाद में आईसीयू के बजाए जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया। लड़की तड़पती रही और उसे ऑक्सीजन भी नहीं लगाया गया।
राजकुमार सोनवानी अपनी बेटी रानू सोनवानी को बुधवार की दोपहर लेकर सिम्स पहुंचे। यहां उसे भर्ती करने और उपचार करने के बजाए डॉक्टरों ने बिठाए रखा, जिसकी वजह से उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई। परिजनों का आरोप है कि पहले कोरोना जांच के बहाने 2 घंटे तक रखे रहे और फिर बाद में आईसीयू के बजाए जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया। इमरजेंसी से डॉक्टरों को बुलाया गया, लेकिन कोई नहीं आया। जनरल वार्ड में रानू को ऑक्सीजन भी नहीं मिल पाया, जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर समय पर इलाज नहीं करने का आरोप भी लगाया है।
परिजनों ने शव लेने से किया इनकार, पुलिस ने समझाया
डॉक्टरों द्वारा बालिका को मृत घोषित करने के बाद परिजनों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। लड़की का शव घर लेकर जाने से इनकार करने लगे। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना पुलिस को दी। थाना की टीम पहुंची तब मामला शांत हुआ। पुलिस की मौजूदगी में सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे ने बताया कि बच्ची को परिजन गंभीर हालत में लेकर सिम्स आए थे। उसकी स्थिति काफी गंभीर थी। डॉक्टरों ने उसे बचाने का पूरा प्रयास किया। सिम्स में 100 से ज्यादा सिलेंडर एक्सट्रा है, जिसे इमरजेंसी के लिए रखा गया है। ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई है।