जनरल वाले लाइन में खड़े रह जाते हैं; आरक्षण के सवाल पर क्या बोले अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को ‘मेक इंडिया नंबर वन’ मुहिम का आगाज किया। उन्होंने हरियाणा के हिसार से पंजाब के सीएम के साथ इसका आगाज किया।

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को ‘मेक इंडिया नंबर वन’ मुहिम का आगाज किया। उन्होंने हरियाणा के हिसार से इसका आगाज किया और यहां युवाओं के सामने अपना विजन रखा। पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ केजरीवाल ने युवाओं के साथ सवाल जवाब भी किए। इस दौरान शिक्षा, रोजगार से लेकर रिजर्वेशन तक पर बात हुई। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी दलितों के साथ बहुत बुरा बर्ताव होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बाद नौकरी मांगना, अंग्रेजों की दी हुई मानसिकता है। इसे बदलने की जरूरत है।

हिसार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक युवक ने खुद को जनरल कैटिगरी का बताते हुए आरक्षण का मुद्दा उठाया। उसने कहा कि 75 फीसदी अंक लाने पर भी उसे एडमिशन नहीं मिला, जबकि रिजर्वेशन की वजह से 50 फीसदी अंक वालों को एडमिशन मिल गया। उसने कहा कि जनरल वाले लाइन में खड़े रह जाते हैं। अरविंद केजरीवाल ने ध्यान से उसकी पूरी बात सुनी और फिर जवाब दिया।

दिल्ली के सीएम ने कहा, ”एक तो यह अवधारणा कि आज एससी के साथ बुरा बर्ताव नहीं होता देशभर में, रोज सुनने को मिलता है कि आज भी उनके साथ किस तरह बुरा बर्ताव किया जाता है। सोशल मीडिया पर भी ऐसे कई वीडियो आते हैं। सुननने पढ़ने को मिलता है। एक उदाहरण है, आईपीएस अफसर था राजस्थान का। उसकी शादी थी, गांव में सारे इकट्ठा हो गए कि घोड़ी पर नहीं चढ़ने देंगे। गांव को छावनी बनाना पड़ा उसे घोड़ी पर चढ़ाने के लिए। आज भी हमारे देश में स्थिति काफी खराब है।”

आप संयोजक ने आगे कहा, ”पहली चीज यह कि आरक्षण इसलिए किया गया क्योंकि सदियों से असमानता चली आ रही थी, बराबरी का हक देने के लिए ताकि सभी बराबरी पर आ सकें। दूसरी चीज यह जो हमारी मानसिकता बन गई है, पढ़ने के बाद नौकरी, यह अंग्रेज जो सिस्टम छोड़कर गए। मैकॉले ने यह सिस्टम बनाया। पहले देश में कोई नौकरी नहीं ढूंढ़ता था। सारे अपना अपना काम करते थे। मैकॉले सिस्टम बना गया कि बीए करोगे, एलएलबी करोगे तो नौकरी मिलेगी। सभी अंग्रेजों के यहां क्लर्क बन जाते थे। हमने दिल्ली में प्रयोग किया। दिल्ली में 11वीं और 12वीं के बच्चों को हम बिजनेस करना सिखाते हैं। हम उनके दिल में कूट कूटकर भरते हैं कि आपको नौकरी मांगने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनना है।”

नॉनवेज और धूम्रपान पर लगाएं रोक?
एक युवक ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछा कि क्या वह नॉनवेज और स्मोकिंग पर रोक लगाएंगे? दिल्ली के सीएम ने कहा कि किसी से जबर्दस्ती करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि माहौल ऐसा बनाना है, लोगों को तैयार करना है कि वे खुद नॉनवेज और स्मोकिंग छोड़ दें, गलत हरकतें छोड़ दें। उन्होंने कहा कि कानून कितने भी बना लो इससे फायदा नहीं होने वाला है। लोग छुपकर पिएंगे, ब्लैक मार्केटिंग होगी।” दिल्ली के सीएम ने दिल्ली के स्कूलों का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें सलाह दी गई थी कि कानून बना दिया जाए कि सारे नेता और अफसर के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे। लेकिन उन्होंने स्कूलों को ऐसा बनाया कि अब खुद बड़े लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में डाल रहे हैं।

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