हेरिटेज शराब निर्माण के लिए आदिवासी बहुल जिले जैसे डिंडोरी और अलीराजपुर में पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया जा रहा है। यहां आदिवासी स्व सहायता समूह हेरिटेज शराब का निर्माण करेंगे।
मध्य प्रदेश में हेरिटेज शराब को बिक्री को लेकर नया फरमान जारी हुआ है। इसके अनुसार पहले से संचालित हो रही कंपोजिट शराब की दुकानों पर हेरिटेज शराब की बिक्री नहीं होगी। इसके लिए अब अलग से दुकान खोली जाएगी। वाणिज्य कर विभाग ने इसके लिए हेरिटेज पॉलिसी का प्रावधान तैयार किया है। और जल्द ही कैबिनेट में इस प्रावधान को मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
दरअसल, हेरिटेज शराब को बढ़ावा देने के लिए वैल्यू ऐडेड टैक्स में 2 साल और एक्साइज ड्यूटी में 6 साल तक की छूट देने का प्रावधान पॉलिसी में किया गया है। वहीं एक्साइज ड्यूटी में छूट मिलने के चलते हेरिटेज शराब उत्पादन की लागत में कमी हो सकेगी।लेकिन शराब की कीमत क्या होगी वह अब तक तय नहीं किया गया हैं।
जानकारों ने बताया कि हेरिटेज शराब का निर्माण हुए के फूलों से किया जाएगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुनिया की एकमात्र शराब है जो फूलों से बनाई जाएगी। और पूरे भारत में एकमात्र मध्य प्रदेश में इसका निर्माण किया जाएगा। प्रदेश में बनने वाली है हेरिटेज शराब के निर्माण में किसी भी तरह के केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाएगा। शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाला पानी उच्च गुणवत्ता का होगा। वहीं हेरिटेज शराब बनाने वाले हर स्व सहायता समूह को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का सर्टिफिकेट लेना होगा।
जनवरी में जब शिवराज सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दी थी तब इसमें हेरिटेज शराब की बिक्री को सभी शराब की दुकानों पर करने का प्रावधान किया था। लेकिन अब सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए हेरिटेज शराब बेचने के लिए अलग से दुकानें खोलने का निर्णय लिया है।
अधिकारी ने इसे लेकर बताया कि हेरिटेज शराब निर्माण के लिए आदिवासी बहुल जिले जैसे डिंडोरी और अलीराजपुर में पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया जा रहा है। यहां आदिवासी स्व सहायता समूह हेरिटेज शराब का निर्माण करेंगे। साथ ही इसके शराब का उत्पादन सितंबर महीने से शुरू होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि इसकी सबसे पहली बिक्री पर्यटन विभाग के संबंधित होटलों में होगी।
राजस्थान की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार भी हेरिटेज शराब बनाने जा रही है। यह शराब महुआ से बनाई जाएगी। हालांकि, अभी तक शराब के ब्रांड का नाम तय नहीं किया गया है। लेकिन बताया जा रहा है कि शिवराज सरकार महुआ से बनने वाली इस नई शराब को मध्य प्रदेश के नाम से राज्य के बाहर भेजेगी।