योगी सरकार ईज ऑफ लिविंग के अनुसार सुविधाएं और बेहतर करने जा रही है। इसकी गारंटी दी जाएगी कि उनकी सुविधाएं बेहतर होंगी। इसीलिए निकाय द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाएं ऑनलाइन की जाएंगी।
योगी सरकार ईज ऑफ लिविंग के अनुसार सुविधाएं और बेहतर करने जा रही है। इसकी गारंटी दी जाएगी कि उनकी सुविधाएं बेहतर होंगी। इसीलिए निकाय द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाएं ऑनलाइन की जाएंगी। इससे लोग घर बैठे जान सकेंगे उनको कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। स्थानीय निकाय निदेशक नेहा शर्मा ने इसके लिए निकायों से सुविधाओं संबंधी सभी जानकारियां निकायवार मांगी हैं।
खामियां की जाएंगी दूर
ईज ऑफ लिविंग में तय मानक के अनुसार सुविधाएं दी जाएंगी। केंद्र और राज्य सरकार भारी-भरकम बजट खर्च कर इन सुविधाओं को बेहतर करा रही है। स्थानीय निकाय निदेशायल अब यह पता लगाना चाहता है कि जो मानक तय किए गए हैं उसके अनुसार सुविधाएं दी जा रही हैं या नहीं। अगर इसमें कोई खामी रह गई है तो उसे अभियान चलाकर दूर किया जाए।
सुधारें जलापूर्ति
निकायों से पूछा गया है कि उनके यहां कुल कितने भवन हैं। इनमें कुल कितने परिवार रहते हैं। नलकूपों की संख्या कितनी है। कितने भवनों में पानी का कनेक्शन है और पानी की गुणवत्ता की जांचने के लिए कितने लैब हैं। मौजूदा समय कितने घंटे पानी की आपूर्ति की जा रही है और कितना लीकेज हो रहा है। इसमें सुधार की दिशा में क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इसके आधार पर जो भी खामियां हैं उनमें सुधार किया जाएगा जिससे लोगों को और बेहतर सुविधाएं दी जाएं।
सड़कों की क्या है स्थिति
शहरी क्षेत्रों में निकाय ने कितने क्षेत्र और किलो मीटर सड़क बनवाई है। इसमें पक्की, अर्द्धपक्की और कच्ची सड़कों की कितनी संख्या है। जिला मुख्यालय से निकाय तक संपर्क मार्गों की क्या स्थिति है। इसमें सुधार की दिशा में क्या काम अब तक गए हैं। इसके साथ ही किस मद में कितने किलो मीटर सड़क बनवाई जा रही है और कितना बनवाने की जरूरत है।
ये भी मांगी गई जानकारी
- शौचालय वाले भवनों की संख्या, सामुदायिक शौचालयों की संख्या, सेप्टिक टैंक को साफ कराने की व्यवसथा, सेप्टेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था
- कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था, घरों से कूड़ा उठाने की स्थिति, कूड़ा गाड़ियों की संख्या, कूड़ा डालने वाले स्थानों का कुल क्षेत्रफल
- निकाय में कितने घंटे मिल रही है बिजली, इसकी गुणवत्ता, बिजली पोलों और स्ट्रीट लाइट की संख्या
- खेल मैदान की संख्या, कितने वर्ग फीट में इसे बनाया गया है, पार्कों की स्थिति और उसमें शैचालय की संख्या
- वृद्धों के लिए शेल्टर होम और आश्रय गृहों की संख्या व उसमें दी जाने वाली सुविधाओं की स्थिति कैसी है
- शिकायतें कैसे ली जा रही हैं और उसके कितने घंटों में निस्तारित किया जा रहा है