दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आम आदमी पार्टी (आप) के उन आरोपों के बाद बुलाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), ‘आप’ के विधायकों को लालच देकर केजरीवाल सरकार गिराने को कोशिश कर रही है।
दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में भारी हंगामे के बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उन पर सीबीआई छापेमारी की निंदा करते हुए भाजपा पर जमकर हमला बोला। सिसोदिया ने कहा कि दुनिया भर में उन्हें मिली प्रशंसा को विपक्ष पचा नहीं पा रहा है।
दिल्ली विधानसभा में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि 1,000 और छापेमारी करो, लेकिन तुम्हें मेरे पास कुछ भी नहीं मिलेगा। मैंने दिल्ली में शिक्षा की प्रगति के लिए काम किया है। केवल यही एक चीज है, जिसका मैं दोषी हूं। हमने जो किया है, आज दुनियाभर में उसकी तारीफ हो रही है, जिसे वो पचा नहीं पा रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आम आदमी पार्टी (आप) के उन आरोपों के बाद बुलाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), ‘आप’ के विधायकों को लालच देकर केजरीवाल सरकार गिराने को कोशिश कर रही है।
डिप्टी स्पीकर द्वारा नियम 280 के तहत सवाल नहीं उठाने देने के फैसले पर बीजेपी विधायकों के हंगामे के बाद दिल्ली विधानसभा को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
दिल्ली विधानसभा सत्र में भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच, डिप्टी स्पीकर ने सभी विपक्षी विधायकों को पूरे दिन के लिए बाहर करने का आदेश दिया, जिसके बाद भाजपा विधायकों ने बाहर निकालने के बाद विरोध करना शुरू कर दिया।
दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र 26 अगस्त को आबकारी नीति मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सीबीआई की छापेमारी और सत्तारूढ़ ‘आप’ के उन आरोपों पर मचे सियासी घमासान के बीच बुलाया गया था कि भाजपा अरविंद केजरीवाल सरकार को गिराने के लिए ‘आप’ के विधायकों को लालच दे रही है।
दिल्ली विधानसभा के संयुक्त सचिव के पत्र में कहा गया है कि डिप्टी स्पीकर ने आज के लिए सत्र बुलाने का निर्देश दिया है। इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर ‘आप’ के सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी।
बाद में केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करने का दावा करते हुए भाजपा पर भी हमला बोला। वह पार्टी विधायकों के साथ राजघाट के दौरे के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।
केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि सिसोदिया के आवास पर सीबीआई की लंबी छापेमारी के बाद भी जांच एजेंसी को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।