किसान ने बताया कि वे 40 कट्टे लहसुन बिक्री के लिए इंदौर ले गए थे लेकिन मालभाड़ा सहित 1800 का नुकसान हो गया। इससे गुस्साए किसानों ने पूरी आयशर भरी 40 कट्टे लहसुन चामला नदी में फेंक दिए।
मध्य प्रदेश के कई जिलों में लहसुन उत्पादक परेशान हैं। कई किसान उसे जला रहें हैं तो कुछ नदी में बहा दे रहें हैं। ऐसा ही एक माला धार जिले से सामने आया है। जहां लहसुन उत्पादक किसान परेशान हैं। और लागत भी नहीं निकल पाने से किसान लहसुन फेंकने लगे हैं। जिसका एक वीडियो भी अब वायरल हो रहा हैं।
दअसल यह घटना धार जिले के बदनावर तहसील के ग्राम नागदा की बताई जा रहीं है। यहां कुछ किसान अपनी पीड़ा बताते हुए इलाके की चामला नदी में लहसुन की बोरियां फेक दी हैं। ग्राम गोपालखेडी के किसान ने बताया कि वे 40 कट्टे लहसुन बिक्री के लिए इंदौर ले गए थे लेकिन मालभाड़ा सहित 1800 का नुकसान हो गया। इससे गुस्साए किसानों ने पूरी आयशर भरी 40 कट्टे लहसुन चामला नदी में फेंक दिए।
किसान ने आगे बताया कि लहसुन अच्छी होने के बाद भी इसे कोई खरीदार नहीं मिल रहे। सभी चीजों के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं, पर किसानों की फसल उसी कीमत पर खरीदी जा रही है। उत्पादन ज्यादा होने पर फैक्टरी को फायदा होता है। लेकिन किसानी में ज्यादा उत्पादन होने पर किसान को नुकसान उठाना पड़ता है।
इस घटना के वायरल वीडियो को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार में यह है किसानों की स्थिति और किसानों की आय दोगुनी करने के दावे का सच। किसान को उसकी उपज का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है और वो निरंतर कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है। कमलनाथ ने कहा कि लहसुन एक रुपये से भी कम में बिक रहा है, घाटे के कारण किसान इसे कभी आग के हवाले कर रहे हैं और कभी नदी में बहा रहे हैं।
आगे कहा कि किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई, लेकिन उत्पादन लागत ज़रूर दोगुनी हो गई है। खेती घाटे का धंधा बनती जा रही है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि तत्काल आवश्यक निर्णय लेकर किसानों को राहत प्रदान की जाए।