बदलता मौसम अपने साथ तरह-तरह की बीमारियों को भी लाता है। इस मौसम में सर्दी-जुकाम का होना आम बात है। सर्दी-खांसी से बचने के लिए आप तूलसी और घी से काढ़ा बना सकते हैं। जानिए तुलसी का काढ़ा बनाने तरीका
सर्दी और खांसी दो सबसे आम बीमारियां हैं जो लोगों को हर मौसम में होती हैं। इससे बचने के लिए तुलसी फायदेमंद साबित हो सकती है। तुलसी के कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं और ये औषधीय गुणों वाली एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है। यह बीमारियों को ठीक करने और हमारे सांस स्वास्थ्य को बूस्ट करने के लिए बेहतरीन है। तुलसी का कड़ा एक फेमस घरेलू उपचार है, जिसका इस्तेमाल सर्दी और खांसी के इलाज के लिए किया जाता है और यह हमारी इम्यूनिटी को भी बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
हेल्थ के लिए फायदेमंद है तुलसी काढ़ा ?
तुलसी में कई हीलिंग गुण हैं और यह एंटी बैक्टीरियल, एंटिफंगल, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर है, यह सर्दी और खांसी के इलाज के लिए एक बढ़िया ऑप्शन है। विटामिन ए, डी, आयरन और फाइबर से भरपूर, यह काढ़ा हमारी इम्यूनिटी के लिए अद्भुत काम करता है।
कैसे बनाएं काढ़ा?
तुलसी काढ़ा बनाने के लिए आपको चाहिए हरी तुलसी के पत्ते, उबली हुई तुअर दाल का पानी, घी, साबुत काली मिर्च, जीरा और शहद। फिर जीरा और काली मिर्च को फेंट लें। इसके बाद एक कड़ाही में घी और मसाले मध्यम आंच पर बिना जलाए गरम करें। अब तुअर दाल का पानी डालकर उबाल लें और थोड़ा गाढ़ा होने का इंतजार करें। अब इसमें तुलसी के हरे पत्ते डालकर आंच को बंद कर दें। काढ़ा तैयार है, इसे गर्मागर्म परोसें। आप बच्चों को परोसने के लिए इसके ठंडा होने का इंतजार करें।
काढ़े में इस्तेमाल हुई चीजों के फायदे
पिसा हुआ जीरा और काली मिर्च हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। वहीं जीरे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जबकि काली मिर्च विटामिन सी से भरपूर होती है, जो एक बेहतरीन एंटीबायोटिक का काम करती है। शहद खांसी को ठीक करने के लिए जाना जाता है और किसी भी सांस संबंधी संक्रमण से राहत देने में मदद करता है। घी के भी कई फायदे हैं, जो सांस संबंधी समस्याओं को ठीक करता है और थकान और त्वचा रोगों का भी इलाज करता है।
कब पीएं?
खाली पेट तुलसी काढ़ा पीने से इलाज की गति दोगुनी हो जाती है और सर्दी-खांसी में बहुत तेजी से राहत मिलती है।