गायघाट गेज पर देर रात 10 बजे गंगा नदी ने लाल निशान को पार कर बाढ़ व कटान प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिये खतरे की घंटी बजा दी है। जबकि जिम्मेदार अब भी लापरवाह बने हुए हैं। बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है।
रामगढ़ (बलिया)। गायघाट गेज पर देर रात 10 बजे गंगा नदी ने लाल निशान को पार कर बाढ़ व कटान प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिये खतरे की घंटी बजा दी है। जबकि जिम्मेदार अब भी लापरवाह बने हुए हैं। प्रभावित क्षेत्र में कहीं पर भी बाढ़ चौकियां संचालित नहीं दिख रही है। गायघाट गेज पर गंगा शुक्रवार की रात 10.30 बजे खतरा बिन्दु 57.615 मीटर को पार कर गयी। यहां शनिवार सुबह 7 बजे नदी का जलस्तर 58.050 मीटर रिकार्ड किया गया। जबकि नदी में अब भी 5 सेमी प्रति घण्टे का बढ़ाव बना हुआ है।
कयास लगाया जा रहा है कि गंगा नदी में यदि अगले 24 घन्टे इसी प्रकार बढ़ाव बना रहा तो हजारों की आबादी वाले दर्जन भर से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी कहर बरपाने लगेगा। उधर, इन सबसे अनभिज्ञ जिम्मेदार अब भी लापरवाह दिख रहे हैं सदर व बैरिया तहसील के प्रभावित किसी भी गांव के पास बाढ़ चौकी तक संचालित नहीं दिख रही है। बढ़ाव का क्रम ऐसा ही बना रहा तो दियारे की फसलों को बरबाद कर चुकी नदी जल्द ही आबादी में घुस कहर बरपाना शुरू कर देगी।
बैकरोलिंग कर रही नदी की लहरें सुघरछपरा से दूबेछपरा व मौजा गोपालपुर में कटान के रूप मे कहर बरपा रही है। किनारे से सटे खेत तेजी से नदी मे समाहित हो रहे है। अपने कृषि योग्य भूमि को नदी में समाते देख प्रभावित किसानों के होश उड़े हुये हैं। उधर, नदी की लहरों का दबाव बचाव को किये गये कटानरोधी कार्यो पर दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है।
शुक्रवार को गोपालपुर के पास किये गये 9 करोड़ 10 लाख 75 हजार की परियोजना के तहत का रिवेटमेन्ट कार्य दरक कर नीचे खिसकने लगा है। इससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी का माहौल है। वहीं नदी उस पार नौरंगा के लोगों में भी नदी की रफ्तार देख दहशत मची है। पिछले तीन वर्षों से नदी की लहरें पंचायत के बंधे से टकरा रही है।