केरल के विश्वविद्यालयों की नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद के आरोप, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान कराएंगे जांच

खान ने कहा, ‘प्रोफेसर से लेकर निचले स्तर के कर्मियों तक, वे अपने रिश्तेदारों को भर्ती करना चाहते हैं। मैं जांच कराने जा रहा हूं कि पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान ऐसी कितनी नियुक्तियां की गई हैं।’

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विश्वविद्यालयों में विभिन्न पदों पर नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद के आरोपों की जांच की बात कही है। उनका यह बयान राज्यपाल और सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्टि पार्टी (माकपा) में तनाव बढ़ने के बीच आया है। दरअसल, खान ने राज्यसभा के पूर्व सदस्य के के रागेश की पत्नी प्रिया वर्गीस की नियुक्ति करने के कन्नूर विश्वविद्यालय के कदम पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद राज्य सरकार और उनके बीच तनाव बढ़ गया। वर्गीस की कन्नूर विश्वविद्यालय में मलयालम एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति होनी थी।

माकपा नेता रागेश मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के निजी सचिव भी हैं। खान ने नई दिल्ली में कहा, ‘प्रोफेसर से लेकर निचले स्तर के कर्मियों तक, वे अपने रिश्तेदारों को भर्ती करना चाहते हैं। अब मैं व्यापक स्तर पर जांच कराने जा रहा हूं कि पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान ऐसी कितनी नियुक्तियां की गई हैं।’

नियुक्तियों को लेकर मिली थी शिकायत: खान
खान ने बताया कि उन्हें राज्य के विश्वविद्यालयों में ऐसी नियुक्तियों के संबंध में विभिन्न वर्गों से शिकायतें मिली हैं। माकपा ने कन्नूर विश्वविद्यालय में मलयालम एसोसिएट प्रोफेसर की विवादित नियुक्ति पर रोक लगाने के राज्यपाल के फैसले को ‘असंवैधानिक’ बताया था। साथ ही इस पद पर वर्गीस के नामांकन को लेकर ‘भाई-भतीजावाद’ के उनके आरोप को खारिज कर दिया था।

वहीं, कांग्रेस नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने राज्यपाल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि खान ने असल में कन्नूर विश्वविद्यालय को एक अवैध नियुक्ति करने से रोकने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है। इसमें कुछ भी असंवैधानिक नहीं है।

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