छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एंटी नक्सल ऑपरेशन में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। आईटीबीपी, जिला बल और डीआरजी की संयुक्त पुलिस पार्टी ने सर्चिंग के दौरान एक संदिग्ध महिला को पकड़ा है।
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एंटी नक्सल ऑपरेशन में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। आईटीबीपी, जिला बल और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की संयुक्त पुलिस पार्टी ने सर्चिंग के दौरान एक संदिग्ध महिला को पकड़ा है। महिला की पहचान पूर्व बस्तर डिविजन के कंपनी नंबर 6 की सदस्य सुखमति कुमेटी उर्फ रीमा के तौर पर पहचान हुई। महिला नक्सली पर राज्य सरकार ने 8 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। महिला नक्सली फोर्स को नुकसान पहुंचाने सहित कई बड़ी वारदातों में शामिल रही है। महिला माओवादी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
एसपी सदानंद कुमार ने बताया कि 16 अगस्त को आईटीबीपी, डीआरजी, जिला पुलिस बल, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के जवान ओरछा थाना से एरिया डॉमिनेशन के लिए ग्राम कोडोली आदेरबेड़ा, मुसनार, कावानार की ओर निकली थी। सर्चिंग के दौरान ग्राम कावानार के जंगल में कुछ संदिग्ध महिला-पुरुष पुलिस पार्टी को देखकर भागने लगे। पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर एक संदिग्ध लड़की को पकड़ा। पूछताछ करने पर उसने छोटे टोण्डाबेड़ा थाना ओरछा निवासी सुखमति कुमेटी उर्फ रीमा पिता मंगतु कुमेटी के तौर पर अपनी पहचान बताई। उसने पुलिस को माओवादी संगठन के लिए काम करना बताया।
कई बड़ी वारदातों में शामिल रही महिला नक्सली
एसपी सदानंद ने बताया कि महिला ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2018 में टोण्डेबेड़ा मिलिशिया कमांडर मनोज ने मिलिशिया में भर्ती कराया था, जिसके बाद से वह पूर्व बस्तर डिविजन के कंपनी नंबर-6 की सदस्य के रूप में कार्य कर रही थी। उसने 4 मार्च 2020 को साप्ताहिक बाजार ओरछा में प्रधान आरक्षक रामप्रसाद भगत पर टंगिया से वार कर घायल किया और इंसास रायफल लूटा था। इसे अलावा 11 नवंबर 2020 को ग्राम कड़ेनार, चिकपाल के पास आईईडी विस्फोट, 21 मई 2021 को अमदईघाटी में आईईडी लगाने 28 मई 2021 को चिकपाल पुलिया के पास आईईडी लगाने और 20 जुलाई 2021 को अमदईघाटी में मुठभेड़ की घटना में शामिल थीं। गिरफ्तार महिला नक्सली कई जवानों की हत्या में शामिल रही है।