कांग्रेस की नजर आगामी लोकसभा चुनाव पर है। इन चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पार्टी ने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं। पर वर्ष 2024 तक पहुंचने से पहले पार्टी को कई इम्तिहान से गुजरना होगा।
कांग्रेस की नजर आगामी लोकसभा चुनाव पर है। इन चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पार्टी ने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं। पर वर्ष 2024 तक पहुंचने से पहले पार्टी को कई इम्तिहान से गुजरना होगा। इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव के बाद अगले साल मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव हैं। इन्हें लोकसभा का सेमीफाइनल माना जाता है।
हिमाचल और गुजरात में पहली परीक्षा
वर्ष 2024 से पहले कई अहम प्रदेशों सहित 11 राज्यों में चुनाव हैं। पहली परीक्षा हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव है। हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता बदलती रही है, इसलिए कांग्रेस के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। गुजरात में पार्टी की स्थिति वर्ष 2017 के मुकाबले बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में पार्टी के सामने पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है।
राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और कर्नाटक पर पूरा ध्यान
कांग्रेस का पूरा ध्यान राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और कर्नाटक पर है। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बरकरार रखते हुए मध्य प्रदेश और कर्नाटक जीत लेती है, तो इसका फायदा लोकसभा में मिल सकता है। पर यह आसान नहीं है। क्योंकि, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में पार्टी अंतर्कलह से जूझ रही है।
मध्य प्रदेश : निकाय चुनाव में अच्छे प्रदर्शन से जगी उम्मीद
मध्य प्रदेश स्थानीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया था। प्रदेश कांग्रेस के नेता मानते हैं कि लोग भाजपा से नाराज हैं। ऐसे में पार्टी को चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है। पार्टी के लिए राजस्थान और छत्तीसगढ़ बेहद अहम है, क्योंकि इन दोनों राज्यों में ही कांग्रेस की अपने दम पर सरकार है। पर इन दोनों राज्यों में आपसी झगड़ा भी चरम पर है।
राजस्थान : गहलोत और पायलट का झगड़ा चुनौती
राजस्थान में भी हर पांच साल पर सत्ता बदलती है। इसके साथ पिछले कुछ माह में सांप्रदायिक धुव्रीकरण बढ़ा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट का झगड़ा किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में पार्टी को अपनी सरकार बरकरार रखने के लिए काफी जद्दोजहद करनी होगी। पार्टी को चुनाव में भाजपा की गुटबाजी का भी फायदा मिल सकता है।
छत्तीसगढ़ और कर्नाटक : आंतरिक संघर्ष पर काबू पाना होगा
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को भाजपा से कोई खास चुनौती नहीं है। क्योंकि, भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव की तकरार चुनाव में पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। ऐसे में पार्टी को चुनाव से पहले अपना घर दुरुस्त करना होगा। इसी तरह कर्नाटक में भी कांग्रेस के लिए आंतरिक संघर्ष पर काबू पाने की चुनौती है।