शिक्षा, स्वास्थ्य को मुफ्त सुविधा किसने माना? वित्त मंत्री का अरविंद केजरीवाल पर पलटवार

स्वास्थ्य व शिक्षा को केजरीवाल द्वारा ‘मुफ्त सुविधा’ करार देना गरीबों के मन में चिंता और डर पैदा करने की कोशिश है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य को मुफ्त सुविधा किसने माना?

अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री मुफ्त सुविधाओं के मुद्दे पर बहस को गलत मोड़ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व शिक्षा को केजरीवाल द्वारा ‘मुफ्त सुविधा’ करार देना गरीबों के मन में चिंता और डर पैदा करने की कोशिश है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य को मुफ्त सुविधा किसी ने नहीं माना। कभी भी शिक्षा और स्वास्थ्य को मुफ्त सुविधा नहीं माना गया।

वित्त मंत्री की ये टिप्पणी ऐसे समय में आई हैं जब अरविंद केजरीवाल ने बहस्पतिवार को ‘मुफ्त सुविधाओं’ के मुद्दे पर केंद्र पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र जिस तरह से लोगों को मुफ्त सुविधाएं दिए जाने का ‘कड़ा विरोध’ कर रहा है, उससे लगता है कि उसकी वित्तीय स्थिति कुछ गड़बड़ है। रक्षा भर्ती योजना अग्निपथ, केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 42 फीसदी से घटाकर 29 फीसदी करने, खाद्य पदार्थों पर लगाए गए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और मनरेगा कोष में 25 फीसदी कटौती का हवाला देते हुए केजरीवाल ने पूछा कि सारा पैसा कहां जा रहा है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को चुनावों से पहले मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा घोषित मुफ्त सौगातों पर बहस की मांग की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “स्वास्थ्य और शिक्षा को कभी भी मुफ्त नहीं कहा गया है। किसी भी भारत सरकार ने कभी भी ऐसा नहीं कहा। इसलिए शिक्षा और स्वास्थ्य को मुफ्त सुविधाएं बताते हुए, केजरीवाल गरीबों के मन में चिंता और भय की भावना लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर एक वास्तविक बहस होनी चाहिए।”

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