वेस्टइंडीज के दौरे पर टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी खोज के रूप में अर्शदीप सिंह सामने आए हैं, जिनके पास डेथ ओवर्स में कमाल की गेंदबाजी करने का हुनर है। उन्होंने अब तक हर अग्निपरीक्षा को पास किया है।
वेस्टइंडीज के दौरे पर टीम इंडिया के लिए अगर कोई सबसे बड़ी खोज रहे हैं तो वे अर्शदीप सिंह हैं, जिन्होंने कमाल का प्रदर्शन करते हुए हर एक अग्निपरीक्षा को अव्वल नंबरों से पास किया है। अर्शदीप सिंह को इस प्रदर्शन का इनाम भी 8 अगस्त को मिलने की पूरी उम्मीद है। अर्शदीप सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एशिया कप 2022 में नजर आने वाले हैं। ऐसा कहना अब गलत नहीं होगा, क्योंकि इसमें महज अब औपचारिकता बाकी है।
दरअसल, अर्शदीप सिंह ने साबित कर दिया है कि वे डेथ ओवर्स में बल्लेबाजों के लिए काल साबित हो सकते हैं। आखिरी के ओवरों में अर्शदीप सिंह न तो रन देते हैं और न ही बल्लेबाजों को रन बनाने का एक भी मौका देते हैं। बाएं हाथ से तेज गति से यॉर्कर करना कोई इनसे सीख सकता है। महज 23 साल की उम्र में अर्शदीप सिंह ने ऐसा कुछ कर दिखाया है, जिसे किसी भी कीमत पर दरकिनार नहीं किया जा सकता।
अर्शदीप सिंह ने अब तक 5 ही टी20 इंटरनेशनल मैच देश के लिए खेले हैं और 9 विकेट चटकाए हैं, लेकिन इन्हीं पांच मैचों से साबित हो गया है कि वे लंबी रेस के घोड़े हैं और बल्लेबाजों के होश उड़ाने वाले हैं। कहा जाता है कि पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं, वैसे ही अर्शदीप सिंह की स्किल्स टीम मैनेजमेंट को दिख चुकी है कि वे शॉर्ट फॉर्मेट में कितने घातक गेंदबाज हो सकते है। वैसे भी बाएं हाथ के पेसर की भारत को तलाश थी।
बाएं हाथ इस डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट को एशिया कप 2022 के लिए चुना जाएगा। वे निश्चित रूप से जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार के साथ जोड़ी बनाते नजर आएंगे। अब बस सवाल ये रहेगा कि क्या ये तीनों गेंदबाज एकसाथ खेल सकते हैं या नहीं, क्योंकि हार्दिक पांड्या भी गेंदबाजी कर रहे हैं और ऐसे में उनका प्लेइंग इलेवन में होना तय है और इस स्थिति में शायद ही मैनेजमेंट प्लेइंग इलेवन में तीन और गेंदबाजों को मौका दे।
अर्शदीप सिंह ने महज एक महीने के भीतर टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली है। 7 जुलाई को वे इंग्लैंड के खिलाफ पहली बार टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने उतरे थे। इसके बाद उनको मौका नहीं मिला, जबकि वे चोट से भी परेशान थे। हालांकि, वेस्टइंडीज के खिलाफ वे लगातार चार मैच खेलने में सफल रहे और खुद को साबित किया। इंग्लैंड के खिलाफ वे 18/2, वेस्टइंडीज के खिलाफ 24/2, 26/1, 33/1 और 12 रन देकर 3 विकेट लेने में सफल रहे।