CBI ने 7 मामलों में मांगी जांच की सहमति, डॉ. रमन का CM भूपेश पर हमला, कहा- घपलों-घोटालों की सरकार है

छत्तीसगढ़ के BJP-कांग्रेस में ट्विटर वार चल रहा है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल पर फिर हमला बोला है। ट्विटर एकाउंट पर उन्होंने लिखा है- भूपेश बघेल सरकार घपलों-घोटालों की सरकार है।

छत्तीसगढ़ के भाजपा-कांग्रेस के नेताओं में ट्विटर वार चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल पर फिर हमला बोला है। अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा है- भूपेश बघेल सरकार घपलों-घोटालों की सरकार है। ऊपर से नीचे तक सब लूटने में लगे हैं। करप्शन और कमीशन का बड़ा खेल चल रहा है। CBI 80 करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार की जांच करना चाहती है, लेकिन भूपेश बघेल अनुमति न देकर भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगे हैं।

दरअसल, केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने छत्तीसगढ़ सरकार से 7 मामलों में अनियमितताओं की जांच के लिए सहमति मांगी है। इनमें से आधा दर्जन मामले 2022 और एक मामला 2021 का बताया गया है। राज्य शासन द्वारा इन मामलों में सहमति नहीं देने के कारण जांच शुरू नहीं हो पायी है। इन सभी मामलों में कुल 80 करोड़ से अधिक की घोटाले की शिकायत केंद्रीय एजेंसियों तक की गई है। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की जांच और छत्तीसगढ़ में आईटी की रेड को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। वहीं भूपेश बघेल ने पूर्व सीएम पर चिटफंड, नान घोटाला, पनाना पेपर करने का आरोप लगाया है।

‘राज हो कितना गहरा, सच्चाई बतला ही देगा’
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी इसी मुद्दे पर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि अब तो यह साफ है कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार व घोटाले के मामले में आसमान छू रही है। 7 मामलों में अपने 80 करोड़ से ज्यादा के घोटालों पर पर्दा डालने के लिए कांग्रेस सरकार सीबीआई को जांच की अनुमति नहीं दे रही। लाख छुपाओ, छुप न सकेगा राज हो कितना गहरा, सच्चाई बतला ही देगा। कौशिक विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार भूपेश सरकार पर हमलावर है।

MLA अजय ने कहा- चोर की दाढ़ी में तिनका
पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए भूपेश सरकार CBI को छत्तीसगढ़ में आने नहीं दे रही है। पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर ट्वीट कर सरकार पर निशाना हुए लिखा मुख्यमंत्री जी “आप तो दूध के धुले हैं” फिर डर या देर क्यों? सारे मामले आपके सरकार के ही समय के हैं। लंबी चौड़ी हांकने के बजाय सीबीआई को जांच की अनुमति दीजिए। नहीं तो माना जाएगा “चोर की दाढ़ी में तिनका है।”

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