यह तो वह संतान है, जो राजनीति में जन्म देने वालों को ही निगलने वाली है। विश्वासघाती मां को ही निगलने के लिए निकल पड़े हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को लेकर ये बातें कही हैं।
यह तो वह संतान है, जो राजनीति में जन्म देने वालों को ही निगलने वाली है। विश्वासघाती मां को ही निगलने के लिए निकल पड़े हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को लेकर ये बातें कही हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि वफादारी वह चीज नहीं है, जिसे बेचा जा सके। लेकिन ऐसा ही किया जा रहा है। यही नहीं उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को चुनौती दी कि यदि वह अपने दम पर राजनीति करना चाहते हैं तो फिर बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं।
एकनाथ शिंदे को चैलेंज देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मेरे पिता की तस्वीरें पोस्ट न करें और उनके नाम पर वोट न मांगें। यही नहीं उन्होंने कहा कि आखिर भाजपा भी क्यों बालासाहेब ठाकरे का नाम ले रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा शिवसेना को ही खत्म कराना चाहती है। उसकी कोशिश है कि शिवसैनिक आपस में लड़ें और उनमें बालासाहेब के नाम को लेकर भ्रम पैदा हो जाए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं मलाई खाने वाला मुख्यमंत्री नहीं था। मैं खुद कोई बड़ा मंत्रालय नहीं लिया था। उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह मेरी गलती थी कि कुछ लोगों को परिवार समझा और उन्हें आगे बढ़ाया।
एकनाथ शिंदे का बढ़ रहा लालच, सीएम बना भी देते तो नहीं मानते
एकनाथ शिंदे को सीएम बनाए जाने पर क्या बवाल नहीं होता? इस सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि तब कुछ और बड़ा होता। उन्होंने कहा कि इनकी तो राक्षसी प्रवृत्ति है। लालच ही खत्म नहीं हो रहा है। सीएम बनने के बाद इन्हें अब शिवसेना प्रमुख का भी पद पाने का लालच है। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो चल रहा है, वह राक्षसी महत्वाकांक्षा है। पहले घर से न निकलने के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि ऐसा नहीं है। महा विकास अघाड़ी के काम से लोग बेहद खुश थे। उन्होंने कहा कि मेरे काम की वजह से ही मुझे देश के टॉप 5 मुख्यमंत्रियों में शामिल किया गया था।