धौरहरा में शारदा और चौका नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे फसलें जलमग्न हो गई हैं, मकान पानी में न बह जाएं इसको लेकर ग्रामीण अपने पक्के आशियाने को तोड़ने में जुट गए हैं।
एक मकान को बनाने में लोगों की जिंदगी भर की कमाई लग जाती है, ऐसे में जब उन्हीं हाथों से उस घर को उजाड़ना पड़ता है तो कलेजा मुंह को आ जाता है। यूपी का एक ऐसा ही शहर है जहां हर साल लोग पक्का मकान तोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। वजह हैरान कर देनी वाली है। मामला लखीमपुर खीरी जिले का है। दरसअल धौरहरा तहसील के मिर्जापुर गांव में घाघरा नदी ने कटान तेज कर दिया है। खेतों को काटती हुई घाघरा अब आबादी की उन जगहों को काट रही है। धौरहरा में शारदा और चौका नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे फसलें जलमग्न हो गई हैं, मकान पानी में न बह जाएं इसको लेकर ग्रामीण अपने पक्के आशियाने को तोड़ने में जुट गए हैं।
मिर्जापुर गांव में घाघरा नदी कटान करती हुई आबादी की तरफ आ गई थी। जिस वजह से कटान की जद में आए ग्रामीणों ने अपने घरों को तोड़ दिया था। कटान की जद में आकर मुनीर,सलीम, नाजिम,मोइनुद्दीन,मोहम्मद यार,छोटकन्ना,इनाम, खुर्शीद, दाऊद, अकबाल, इश्तियाक, बांके, पैरू,अशोक, चन्द्रबली,राजेन्द्र,लछिमन,रामू सहित कई ग्रामीणों ने अपने घर उजाड़कर जमीनें खाली दी थीं। शुक्रवार को घाघरा नदी ने इन जमीनों का कटान शुरू कर दिया। कटान की गति देख ग्रामीणों में डर की स्थिति बनी हुई है।
उधर शारदा और उसकी सहायक चौका नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। गुरुवार/शुक्रवार की रात पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ गया। शारदा नदी पर बने तटबंध के बीच के और नेशनल हाइवे 730 के किनारे के खेतों में बाढ़ का पानी भर गया है। जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। आशंका है कि जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ा तो नेशनल हाइवे से जुड़े रेहरिया सम्पर्क मार्ग पर पानी चलने लगेगा। मिर्जापुर में कटान से बचाव के लिए बाढ़ खण्ड भी अपनी कोशिशों में जुटा हुआ है। मिर्जापुर में कटान रोकने के लिए बाढ़ खण्ड बम्बू क्रेट बनवा रहा है। जो कटान रोकने में सहायक हो सकते हैं। मगर धार तेज़ होने की वजह से बचाव कार्य प्रभावित हो रहे हैं।