छत्तीसगढ़ में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बस्तर संभाग के सुकमा और बीजापुर जिले में बारिश की वजह से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। इधर गंगरेल बांध के सभी 14 गेट खोल दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ में रुक-रुककर हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बस्तर संभाग के सुकमा और बीजापुर जिले में बारिश की वजह से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। शबरी नदी में गोदावरी नदी का बैक वाटर आने से सुकमा जिले के कोंटा नगर पंचायत के 5 वार्ड डूब गए। हजारों लोगों को रेस्क्यू कर प्रशासन द्वारा बनाए गए 9 राहत शिविरों में ठहराया गया है। वहीं रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। प्रदेश के सबसे बड़े बांध रविशंकर जलायश (गंगरेल बांध) में 37 हजार क्यूसेक पानी की आवक होने से बांध के सभी 14 गेट खोल दिए गए हैं। इधर रायपुर-कांकेर के बीच नेशनल हाईवे-30 पर चट्टान गिरने से जगदलपुर रूट बंद हो गया। हाईवे अथॉरिटी द्वारा रास्ता क्लीयर कराया जा रहा है।
कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन संभाग रूद्री एके पालड़िया ने बताया कि भारी बारिश के चलते रविशंकर सागर जलाशय (गंगरेल बांध) में 93 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। रविवार दोपहर 3 बजे बांध के 14 गेट खोल दिए गए हैं। 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। 7800 क्यूसेक पानी रेडियल गेट के जरिए और 2200 क्यूसेक पानी 10 मेगावॉट बिजली निर्माण के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड के लिए छोड़ा गया है। गंगरेल बांध के कैचमेंट एरिया से 37 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। धमतरी जिला प्रशासन द्वारा नदी के आसपास के 45 गांवों में पानी छोड़ने संबंधी मुनादी कराकर सतर्क किया गया है।
महाराष्ट्र, तेलंगाना व आंध्र से छत्तीसगढ़ का संपर्क टूटा
धमतरी, कांकेर में भारी बारिश से 32 टीएमसी क्षमता वाले गंगरेल बांध में 93 फीसदी पानी भर गया गया है। तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंगरेल बांध के सभी 14 गेट खोलने से नदी किनारे बसे गांवों में पानी घुसने की संभावना है। महानदी के आवाजाही वाले रास्तों पर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किया गया है। महानदी किनारे बसे गांवों में जिला प्रशासन ने मुनादी कर अलर्ट जारी किया है। महानदी किनारे बसे ग्राम अछोटा, कोलियारी, अमेठी, खरेंगा, कलारतराई, परसुली, सेलद्वीप, देवपुर, तेंदूकोन्हा आदि गांवों में मुनादी कराई गई है। प्रशासनिक टीम को अलर्ट रहने कहा गया है। इधर महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से छत्तीसगढ़ का दक्षिण बस्तर कटा हुआ है। नेशनल हाईवे पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं। एक दिन पहले मंत्री कवासी लखमा ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर प्रभावितों को हरसंभव मदद पहुंचाने के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं।