UP Bullodozer Action News: उत्तर प्रदेश में बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तारीख तय की है।
UP Bulldozer Action News: उत्तर प्रदेश में बुलडोजर ऐक्शन पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तारीख तय की है।केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा, ‘नियम का पालन होना चाहिए। इसमें कोई विवाद नहीं है। यदि निकाय के नियमों के मुताबिक निर्माण अवैध है तो फिर हम कैसे उसे गिराने से रोकने के लिए अथॉरिटीज को आदेश दे सकते हैं।’
जमीयत ने अदालत में लगाया सेलेक्टिव ऐक्शन का आरोप
जमीयत के वकील ने कहा कि दंगा करने के आरोपियों के खिलाफ सरकार चुनकर कार्रवाई कर रही है। सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा, ‘कोई किसी अपराध में आरोपी है तो उसके घरों को गिराने की कार्रवाई हमारे समाज में स्वीकार नहीं की जा सकती। हम कानून के शासन से चलते हैं।’ इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने भी यूपी सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति किसी मामले में आरोपी है, सिर्फ इसलिए उसके अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई रोकी नहीं जा सकती।
यूपी सरकार बोली- देश में सिर्फ एक ही समुदाय भारतीय
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अखबार की खबरों के आधार पर अदालत में पक्ष नहीं रखना चाहिए। इस पर याची के वकील ने कहा कि ऐसे कई मामले हैं, जब पुलिस ने आरोपियों के घरों को गिराने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, ‘एक समुदाय को चुनकर उस पर ऐक्शन लिया जा रहा है। पूरा सैनिक फार्म ही अवैध है, लेकिन बीते सालों में उस पर कोई ऐक्शन नहीं हुआ। दिल्ली में ही अवैध फार्म हाउस देख सकते हैं। कोई ऐक्शन नहीं हुआ। चुनकर कार्रवाई की जा रही है।’ याची के वकील के इस तर्क पर गहरी आपत्ति जताते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि देश में कोई दूसरा समुदाय नहीं है। सिर्फ एक ही समुदाय है, जिसे हम भारतीय कहते हैं।
यूपी सरकार के वकील बोले- दंगे से पहले शुरू हुआ था ऐक्शन
उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप ठीक नहीं है। अथॉरिटीज ने यह प्रक्रिया दंगों से पहले ही शुरू कर दी थी। इसके अलावा जिनके अवैध निर्माणों को गिराया गया है, उन्हें पहले ही नोटिस देकर कार्रवाई के बारे में जानकारी दी गई थी।