CM योगी के भोज में पहुंचे अखिलेश के चाचा और सहयोगी, राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मूर्मु के पक्ष में करेंगे वोट

अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव और गठबंधन के सहयोगी रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी-नीत एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मूर्मु को अपना समर्थन दे दिया है.लखनऊ: 

उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के प्रति विपक्षी दलों में बढ़ती असंतुष्टि के बीच पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव और गठबंधन के सहयोगी रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी-नीत एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मूर्मु को अपना समर्थन दे दिया है. राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई, को होना है. अखिलेश के सहयोगियों का यह फैसला तब आया है, जब कल यानी शुक्रवार की रात में दोनों नेताओं ने द्रौपदी मूर्मु के स्वागत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से बुलाए गए रात्रिभोज में हिस्सा लिया था.

इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर शिवपाल सिंह यादव ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, “न तो समाजवादी पार्टी ने मुझे बुलाया था, न ही मेरा वोट मांगा था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मुझे कल बुलाया, जहां मैं एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मूर्मु से मिला और उसके बाद उनके समर्थन में वोट डालने का फैसला किया.”

बता दें कि गुरुवार को विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के साथ एक मीटिंग के लिए शिवपाल यादव और ओम प्रकाश राजभर, दोनों को ही अखिलेश यादव ने नहीं बुलाया था. तब राजभर ने कहा था कि वो “अब भी समाजवादी पार्टी क साथ हैं” लेकिन अगर अखिलेश यादव नहीं चाहते हैं तो वो जबरदस्ती नहीं रहेंगे.

शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी की बैठकों में न बुलाए जाने को लेकर अखिलेश पर हमले बोले और कहा कि यह उनकी “अपरिपक्वता” है कि पार्टी के कई सहयोगी दूर छिटक रहे हैं. उन्होंने कहा, “अगर अखिलेश यादव ने मेरे सुझाव माने होते तो यूपी में समाजवादी पार्टी की स्थिति बिल्कुल अलग होती. पार्टी के कई सहयोगी अब उनका साथ छोड़ रहे हैं और इसके पीछे पार्टी के अध्यक्ष की अपरिपक्वता है.”

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी- लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव वर्तमान में जसवंत नगर से विधायक हैं, उन्होंने अखिलेश की पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विधानसभा चुनाव लड़ा था. अखिलेश के साथ रिश्ते खट्टे होने के बाद उन्होंने अपनी खुद की पार्टी बनाई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ने मनमुटाव दूर कर लिए थे. उन्होंने पार्टी में आजम खान से किए जा रहे व्यवहार को लेकर भी आलोचना की है. आजम खान के समर्थकों का आरोप है कि उनको पार्टी में नजरअंदाज किया जा रहा है.

वहीं, ओम प्रकाश राजभर की पार्टी से राज्य विधानसभा में छह विधायक हैं. लोकसभा उपचुनावों में समाजवादी पार्टी की हार होने के बाद पिछले महीने राजभर ने उनपर तीखे हमले किए थे. उन्होंने कहा था,”क्या वो एक भी चुनाव ऐसा बता सकते हैं जो उन्होंने अपने दम पर लड़ा हो?” उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव 2012 में बस पिता मुलायम सिंह यादव की “उदारता” के चलते मुख्यमंत्री बन गए थे.

सूत्रों ने यह भी बताया कि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ और यूपी में बहुजन समाज पार्टी के इकलौते विधायक सिंह उमाशंकर सिंह भी पिछली रात को योगी सीएम के भोज में देखे गए थे.

 

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