फूलन देवी के अपहरण के आरोपी डकैत छिद्दा सिंह को रविवार को औरैया से पकड़ लिया गया। बीहड़ के बेताज बादशाह लालाराम गैंग का यह सक्रिय गुर्गा 24 साल से फरार था।
फूलन देवी के अपहरण के आरोपी डकैत छिद्दा सिंह को रविवार को औरैया से पकड़ लिया गया। बीहड़ के बेताज बादशाह लालाराम गैंग का यह सक्रिय गुर्गा 24 साल से फरार था। 50 हजार का यह इनामी डकैत साधु वेष में चित्रकूट के एक मठ में छिपा था। छिद्दा सिंह पर आरोप है कि 1981 में बेहमई कांड से पहले जब फूलन देवी का अपहरण विक्रम मल्लाह के ठिकाने से किया गया था तो छिद्दा भी उसमें शामिल था।
अयाना के भासौन गांव निवासी मोस्टवांटेड छेदा सिंह की पुलिस को 1998 से तलाश थी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने रविवार को उसके गांव से ही गिरफ्तार कर लिया। वह एक दिन पहले ही चित्रकूट से अपने घर लौटा था। पूछताछ में छेदा सिंह ने बताया कि वह लालाराम गैंग का सक्रिय सदस्य रहा है। गैंग के साथ मिलकर उसने फिरौती के लिए कई अपहरण किए और डकैतियां डालीं। 1998 में गैंग के साथ मिलकर उसने अयाना के जसवंतपुर गांव के चार लोगों का अपहरण किया था। इनमें तीन को फिरौती लेकर छोड़ा गया था, जबकि एक को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान छुड़वा लिया था। इस मुकदमे में वह वांछित चल रहा था।
इसके बाद धीरे-धीरे गैंग समाप्त होने लगा तो नाम और हुलिया बदलकर चित्रकूट में रहने लगा। चित्रकूट में वह पहले काशी घाट में रहा और अब दस सालों से जानकी कुंड के आराधना आश्रम में सेवादार के रूप में काम करने लगा। पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 21 मुकदमे दर्ज हैं। उसके पास से बृजमोहन दास, चित्रकूट के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी व राशन कार्ड बरामद हुए हैं।