एअर इंडिया ने एक इंटरनल ईमेल में अपने पायलटों को बताया है कि अगर वह चाहें तो रिटायरमेंट के बाद भी 5 साल के लिए अनुबंध के आधार पर दोबारा नौकरी कर सकते हैं. एअर इंडिया की उन्हें कमांडर के तौर पर दोबारा भर्ती करने की योजना है.
नई दिल्ली. टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया ने पायलटों के रिटायरमेंट के बाद उन्हें फिर से पांच साल के लिए काम पर रखने की पेशकश की है. एयरलाइन ने परिचालन में स्थिरता लाने के इरादे से यह पहल की है. कंपनी द्वारा जारी किए गए एक इंटरनल ईमेल से यह जानकारी मिली है.
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है कि जब कंपनी 300 विमानों के अधिग्रहण को लेकर बातचीत कर रही है. एअर इंडिया इन पायलटों को कमांडर के रूप में फिर से नियुक्त करने पर विचार कर रही है. कंपनी ने चालक दल के सदस्यों सहित अपने कर्मचारियों के लिए एक वॉलेंटियरी रिटायरमेंट सर्विस भी शुरू की है. साथ ही साथ ही कंपनी नए युवाओं की भर्ती भी कर रही है.
इंटरनल ईमेल में क्या लिखा है
एअर इंडिया के उप-महाप्रबंधक (कार्मिक) विकास गुप्ता ने पायलटों के लिए एक इंटरनल ईमेल में कहा, ‘‘हमें यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि एअर इंडिया में कमांडर के रूप में 5 साल की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, सेवानिवृत्ति के बाद आपको अनुबंध पर भर्ती करने के बारे में विचार किया जा रहा है.’’ मेल के अनुसार, इच्छुक पायलटों को 23 जून तक इस पर लिखित सहमति के साथ अपना विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था. हालांकि, एअर इंडिया ने अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
सबसे अधिक महंगे होते हैं पायलट
किसी भी एयरलाइन सर्विस में किसी अन्य स्टाफ की तुलना में सबसे अधिक सैलरी पायलटों की होती है. भारत में प्रशिक्षित पायलटों की कमी काफी है. इसलिए इनकी मांग भी बनी रहती है. इन्हें केबिन क्रू या मेंटेंनेंस इंजीनियर की तुलना में अधिक सैलरी मिलती है. एअर इंडिया में सभी पायलटों की उम्र 58 वर्ष है. महामारी से पहले भी कंपनी ने अपने पायलटों को अनुबंध पर रखना शुरू किया था, लेकिन महामारी से पड़ रहे वित्तीय दबाव को घटाने के लिए इस सर्विस को बंद कर दिया गया था. गौरतलब है कि अन्य विमान कंपनियां पायलटों को 65 वर्ष की उम्र पर रिटायर करती हैं.