साजिद मीर वही आतंकवादी है, जिसकी मौजूदगी से पाकिस्तान ने हमेशा इनकार किया है। पाकिस्तानी सरकार ने तो यहां तक दावा किया था कि साजिद मीर की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि साजिद मीर की हिरासत से पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर अपने दाग लगे दामन को पाक साफ करना चाहता है।
पाकिस्तान साजिद मीर की गिरफ्तारी से दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ काम कर रहा है। इस गिरफ्तारी को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की प्लानिंग कहा जा रहा है। पाकिस्तान जून 2018 से ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल है। इस बार जर्मनी में हुई बैठक में एफएटीएफ ने कहा था कि वह पाकिस्तान का ग्राउंड वेरिफिकेशन कर उसे ग्रे लिस्ट से बाहर करने पर फैसला सुनाएगी। ऐसे में पाकिस्तान दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ खुलकर काम कर रहा है।
लखवी का सिक्यॉरिटी चीफ था साजिद
साजिद मीर 2010 तक लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन्स चीफ जकी-उर-रहमान लखवी की सिक्यॉरिटी का जिम्मा संभालता था। वह विदेश में न सिर्फ आतंकियों को रिक्रूट करता था बल्कि पाकिस्तान में टेरर कैंप चलाता था और ISI के इंडियन मुजाहिदीन ऑपरेशन का भी हिस्सा था, जिसे कराची प्रॉजेक्ट कहा जाता था।