शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने राज्य में मौजूदा राजनीतिक स्थिति के बीच महाराष्ट्र विधानसभा भंग करने के संकेत दिए हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट विधानसभा भंग करने की ओर बढ़ रहा है.
शिवसेना नेता संजय राउत ने विधानसभा भंग होने के दिये संकेत
शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने राज्य में मौजूदा राजनीतिक स्थिति के बीच महाराष्ट्र विधानसभा भंग करने के संकेत दिए हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट विधानसभा भंग करने की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, शिंदे से हमारी आपस में बात हो रही है. आज सुबह मैंने एकनाथ शिंदे से 1 घंटा बातचीत किया है. जो बात हुई मैंने पार्टी चीफ को बताया है. उनके साथ जो विधायक हैं, उनके साथ भी हमारी बात हो रही है. सभी शिवसेना में हैं शिवसेना में रहेंगे.
बागी विधायक गुवाहाटी में कड़ी सुरक्षा के बीच एक लग्ज़री होटल पहुंचे
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के बागी विधायकों का एक समूह बुधवार सुबह गुवाहाटी पहुंचा. यहां उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच शहर के बाहरी इलाके में एक लग्ज़री होटल में ले जाया गया है. हवाई अड्डे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पल्लब लोचन दास और सुशांत बोरगोहेन ने इन बागी विधायकों का स्वागत किया.
शिंदे का दावा, उनके समर्थन में 40 से अधिक विधायक
शिंदे ने पहले हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है. सूत्रों ने बताया कि फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि शिवसेना के कितने विधायक इस विमान से यहां पहुंचे हैं, लेकिन विमान में 89 लोग सवार थे, जिनमें चालक दल के सदस्य भी शामिल हैं. ये विधायक सूरत से यहां पहुंचे हैं और उन्हें असम राज्य परिवहन निगम की तीन बसों में होटल ले जाया गया है.
संजय राउत का अलग दावा, शिंदे के साथ 14 से 15 विधायक
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने पहले दावा किया था कि कुछ मंत्रियों समेत 14 से 15 विधायक शिंदे के साथ गुजरात के सूरत शहर में हैं. वहीं पार्टी के एक अन्य नेता ने दावा किया कि यह संख्या 23 हो सकती है.
गुवाहाटी में होटल के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था
होटल और उसके आसपास भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. भाजपा से जुड़े सूत्रों के अनुसार, विधायकों को मंगलवार को मुंबई से सूरत लाया गया और सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें गुवाहाटी ले जाने का फैसला किया गया. ऐसा शायद पहली बार है कि पश्चिमी भारतीय राज्य के विधायकों को पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह के बाद किसी पूर्वोत्तर राज्य लाया गया है. विधायकों की बगावत से महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में आ गयी है.