पैगंबर विवाद: उइगर मुस्लिमों का नरसंहार करने वाले चीन ने भी दिया भारत को ज्ञान

पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा के दो पूर्व नेताओं की कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर चल रहे विवाद में अब चीन भी कूद गया है। चीन उम्मीद जताई कि इस घटना से समुचित ढंग से निपटा जा सकता है।

चीन में उइगर मुस्लिमों के क्या हालात हैं इससे लगभग पूरी दुनिया वाकिफ है। लेकिन अपने देश में मुस्लिमों का नरसंहार करने वाले चीन ने अब भारत को ज्ञान दिया है। पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा के दो पूर्व नेताओं की कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर चल रहे विवाद में अब चीन भी कूद गया है। चीन उम्मीद जताई कि इस घटना से समुचित ढंग से निपटा जा सकता है।

भारत में पैगंबर विवाद पर क्या बोला चीन

चीन ने कहा कि ‘‘वह मानता है कि विभिन्न सभ्यताओं, विभिन्न धर्मों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और समान स्तर पर सह-अस्तित्व में रहना चाहिए।’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं द्वारा की गई कथित टिप्पणियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर सरकारी चीनी मीडिया द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘‘हमने प्रासंगिक खबरों पर गौर किया हैं। हमें उम्मीद है कि संबंधित घटना से ठीक से निपटा जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि अहंकार और पूर्वाग्रह को त्यागना महत्वपूर्ण है और सभी को एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करना चाहिए।

पहले अपने देश में झांके चीन

गौरतलब है कि चीन अपने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई के गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है। हालांकि चीन इन आरोपों को खारिज करता रहा है। चीन में मुस्लिम कम्युनिटी पर काफी पाबंदियां हैं। चीन में 2 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम हैं लेकिन उनके साथ हो रहे अत्याचार पर चीन हमेशा खामोश रहा है।

क्या है पैगंबर विवाद

पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी करने के लिए भाजपा ने पांच जून को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था और अपनी दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था। टिप्पणी पर मुस्लिम समूहों के विरोध के बीच, पार्टी ने अल्पसंख्यकों की चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देता है। मंत्रालय ने प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह कहा था कि एक धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई थीं। उन्होंने कहा था कि वे किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं और संबंधित निकायों द्वारा इन व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।

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