आंगनबाड़ी में खाना खाकर कई आदिवासी बच्चे हुए बेहोश, उल्टी-दस्त के बाद अस्पताल में हुए भर्ती; अधिकारी ने दी यह सफाई

घटना की जानकारी जब जशपुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल को मिली तब प्रशानिक हमले में हड़कंप मच गया। एसडीएम समेत कई अन्य अधिकारी रात के समय ही मौके पर पहुंच गये। कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने से सभी हैरान हैं।

छत्तीसगढ़ में एक आंगनबाड़ी केंद्र में खाना खाने के बाद एक साथ कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। कई छात्र तो बेहोश हो गये। छात्रों का स्वास्थ्य बिगड़ने की खबर जैसे ही प्रशासनिक अमले तक पहुंची तो हड़कंप मच गया। मामले की संजीदगी की समझते हुए एसडीएम, तहसलीदार सीईओ, बीएमओ के साथ मेडिकल अमला वहां पहुंच गया।

मामला जशपुर जिले का है। बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत ढोढ़रअंबा के आश्रित ग्राम नवापारा में मंगलवार दोपहर से ही 11 पहाड़ी कोरवा बच्चों  की तबीयत खराब हुई थी। परिजनों का आरोप है कि इन बच्चों ने दिन में आंगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाला रेडी-टू ईट भोजन खाया था। जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई।

परिजनों का कहना है कि खाना खाने के बाद कई बच्चे बेहोश भी हो गये थे। परिजनों के मुताबिक, देर रात इन बच्चों को उल्टी और दस्त की शिकायत हुई थी जिसके बाद वो बेहोश हुए थे। सभी बच्चों को बगीचा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सक तुरंत इनके इलाज में जुट गये। फिलहाल बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

प्रशासनिक अमले में हड़कंप

घटना की जानकारी जब जशपुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल को मिली तब प्रशानिक हमले में हड़कंप मच गया। एसडीएम समेत कई अन्य अधिकारी रात के समय ही मौके पर पहुंच गये। एक साथ इतने सारे बच्चों की तबीयत बिगड़ने से प्रशासन भी हैरान है। मेडिकल टीम ने गांव में ही डेरा डाल दिया और अन्य बच्चों की भी जांच की गई है।

सफाई में कही यह बात…

अधिकारियों का कहना हैं कि गांव में शादी समारोह चल रहा था और उसी समारोह में दी गई दूषित बुंदिया मिठाई से बच्चों की तबियत बिगड़ी है। बहरहाल कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं।

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