Caste census: बीजेपी ने जातीय जनगणना में आशंकाओं को फिर दोहराया, सीएम नीतीश ने किया किनारा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि बिहार में बहुत अच्छे से ढंग से हर परिवार की जाति आधारित गणना की जाएगी। हर समुदाय का चाहे वे किसी भी धर्म को माननेवाले हों, सबकी पूरी गणना होगी।

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर तैयारी की जा रही है। इस बीच भाजपा ने सर्वेक्षण में बांग्लादेशी और रोहिंग्या को लेकर चिंता जताई है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इससे किनारा कर लिया है।  सीएम नीतीश से जब पत्रकारों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल द्वारा इन आशंकाओं को लेकर प्रश्न पूछा गया, तो उन्होंने ‘पता नहीं’ कहकर निकल गए और इस सवाल से ही किनारा कर लिया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि बिहार में बहुत अच्छे से ढंग से हर परिवार की जाति आधारित गणना की जाएगी। हर समुदाय का चाहे वे किसी भी धर्म को माननेवाले हों, सबकी पूरी गणना होगी। ये भी जानने की कोशिश होगी कि उनकी आर्थिक स्थिति क्या है। यह गणना सबके पक्ष में है, किसी के खिलाफ नहीं है। हर कम्युनिटी के पक्ष में है। इसी के आधार पर विकास के लिए और क्या-क्या सहयोग करना है, एक-एक बात की जानकारी होगी। सर्वदलीय बैठक के आधार पर ही जाति आधारित गणना के लिए कैबिनेट का निर्णय हुआ है। इसके लिए संबद्घ विभाग पूरी तैयारी कर रहा है। इस काम में जिनलोगों को जिम्मेदारी दी जाएगी, उनकी भी ट्रेनिंग करायी जाएगी।

सीएम नीतीश ने आगे कहा कि हमलोगों ने वर्ष 1990 के दौरान ही इसके संबंध में चर्चा की थी। बहुत पहले से ही चाहते थे कि यह हो। अब राज्य में इसको करने का निर्णय लेकर काम किया जा रहा है और इसका नतीजा बहुत अच्छा आएगा। हर जाति, हर धर्म, हर किसी के लिए बहुत अच्छे ढंग से किया जाएगा।

इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि सर्वसम्मति से बिहार में सर्वे का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह जनगणना नहीं गणना या सर्वे का काम है, जो राज्य सरकार करवा रही है। सर्वे कराने का अधिकार किसी भी राज्य सरकार को है। जनगणना केंद्र सरकार ही करवाती है, उसी को इसका अधिकार है। उन्होंने कहा राज्य सरकार के इस कार्य में भाजपा साथ खड़ी है। भाजपा सर्वे के लिए पहले दिन से साथ है।

उन्होंने कहा कि चूंकि अभी गणना की रूपरेखा तय हो रही है तो सर्वदलीय बैठक में भाजपा ने भी अपने सुझाव रखे हैं। हमने अपनी आशंकाएं भी रखी हैं। खासतौर से यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जातिगत जनगणना में पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज की हकमारी न हो। सीमांचल और कोसी क्षेत्र में रोहिंग्या और बांगलादेशी को लेकर भी चिंता जताई गई है। कहा कि मुख्यमंत्री को धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने भाजपा ही नहीं सभी दलों की आशंकाओं को समाप्त करते हुए जाति आधारित जणना कराने की बात कही है।

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